देशभर में ऑनलाइन ठगी करने की वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह के चार सदस्यों का बिहार और झारखंड में भंडाफोड़ हुआ है. मुंबई, अहमदाबाद, राजस्थान (हनुमानगढ़), कर्नाटक और विभिन्न राज्यों में करीब 17 लोगों से आरोपियों ने ऑनलाइन ठगी की. आरोपी अभी तक कुल 1 करोड़ की ऑनलाइन ठगी कर चुके हैं. 6 से 7 आरोपियों की तलाश जारी है. आरोपियों के देश भर में कमीशन बेस पर रखे हुए एजेंट थे. लिंक भेज यूपीआई के माध्यम से फेक पेटीएम के जरिये ठगी की जाती थी. यह गिरोह बिहार और झारखंड में भी सक्रिय हैं. इस गिरोह के तार दिल्ली में भी जुड़े होने की आशंका है.
सीआईए-टू प्रभारी इंस्पेक्टर दीपक कुमार ने बताया कि 5 नंवबर 2019 को थाना औद्योगिक सैक्टर-29 मे बृज शंकर निवासी सिवाह पानीपत ने अपने साथ हुई ऑनलाइन ठगी की वारदात के बारे में बताया था कि उसके पास 23 अक्टूबर को शाम करीब 4:50 पर फोन के जरिए एक अज्ञात नंबर से लिंक आया. उस लिंक पर क्लिक करते ही उसके खाते से यूपीआई ट्राजेंक्शन के द्वारा 70 हजार रुपये कट गए. ये सारे पैसे पेटीएम के माध्यम से गए हैं. सीआईए-टू की एक टीम सब इंस्पेक्टर बलजीत सिंह के नेतृत्व में उपरोक्त वारदात के संबध में विभिन्न पहलुओं पर गहनता से जांच की और बैंक खाता नंबर के आधार पर आरोपियों का पता लगाते हुए 13 दिसंबर को बिखतियारपुर जिला सहरसा बिहार से एक आरोपी राशिद निवासी पहलगांव जिला सहरसा को काबु कर प्रारंभिक पूछताछ की.
आरोपी ने गिरोह के सरगना इरफान व अन्य के साथियों के साथ मिलकर ऑनलाइन ठगी करने की वारदात को अंजाम देने की बात कबूल की. इसके बाद 15 दिसंबर को सीआईए-टू की टीम ने गिरोह के दो सदस्य नरूल निवासी दुधानी जिला देवसर झारखंड व नदीम निवासी पहलाम जिला सहरसा को दुधानी जिला देवघर झारखंड से काबू किया. गिरोह मे शामिल रियाजुदीन निवासी पारोजोरी जिला देवघर झारखंड को 25 दिसंबर को उसके गांव से काबू कर पानीपत लाया गया.