प्रज्ञा ठाकुर ने इसकी लिखित शिकायत लोकसभा अध्यक्ष से की थी. अब सूत्रों के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष इस मसले को विशेषाधिकार समिति (Privilege Committee) को भेज सकते हैं. राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन (breach of privilege) की प्रज्ञा ठाकुर की शिकायत को विशेषाधिकार समिति को भेजा जाएगा.
(File Photo - Rahul Gandhi & Pragta Thakur)
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी का बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर को आतंकी कहना उन्हें भारी पड़ सकता है. प्रज्ञा ठाकुर ने इसकी लिखित शिकायत लोकसभा अध्यक्ष से की थी. अब सूत्रों के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष इस मसले को विशेषाधिकार समिति (Privilege Committee) को भेज सकते हैं. राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन (breach of privilege) की प्रज्ञा ठाकुर की शिकायत को विशेषाधिकार समिति को भेजा जाएगा. कमेटी इस शिकायत की जांच कर आगे फैसला करेगी. जरूरत पड़ने पर राहुल गांधी को बुलाया जा सकता है.
मालूम हो कि राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, 'आतंकवादी प्रज्ञा ने आतंकवादी गोडसे को एक देशभक्त बताया. भारतीय संसद के इतिहास का एक दुखद दिन.' इसको लेकर लोकसभा में काफी हंगामा भी हुआ था. खुद प्रज्ञा ठाकुर ने गोडसे मसले पर लोक सभा में माफ़ी मांगते हुए इसे उठाया था. यहां तक की संसदीय कार्यमंत्री और कुछ अन्य संसदो ने भी राहुल से माफी मांगने की मांग की थी. राहुल ने अभी तक इस मसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. यही वजह है कि प्रज्ञा की शिकायत को विशेषाधिकार समिति को भेजने का फैसला लिया गया है.
प्रज्ञा ने विवादास्पद बयान पर लोकसभा में मांगी माफी - बीजेपी की सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे पर उनके द्वारा की गई टिप्पणी के लिए शुक्रवार को लोकसभा में माफी मांगी. प्रज्ञा ने कहा कि अगर उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो वह माफी मांगती हैं. इसके साथ ही उन्होंने सफाई दी कि उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी भोपाल की सांसद ने बाद में कहा कि वह देश के लिए महात्मा गांधी की सेवा का सम्मान करती हैं. उन्होंने अपने बयान की व्याख्या करने के तरीके की निंदा भी की.
प्रज्ञा ने अपने ताजा बयान में कहा, 'मैंने 27 नवंबर को एसपीजी विधेयक पर चर्चा के दौरान नाथूराम गोडसे को देशभक्त नहीं कहा. मैंने उनका नाम नहीं लिया, फिर भी अगर किसी को ठेस पहुंची है, तो मुझे उसका खेद है और मैं माफी मांगती हूं.' ठाकुर ने इस मुद्दे पर अधिक बोलने की कोशिश की, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें अनुमति नहीं दी. प्रज्ञा ने प्रारंभ में माफी के साथ आरोप लगाया कि उनके बयान को गलत तरीके से तोड-मरोड़ कर पेश किया गया, जिसके बाद सदन में फिर हंगामा शुरू हो गया, और विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे, जो आधा घंटा से अधिक समय तक चला.
प्रज्ञा ने कहा, 'अगर मेरे द्वारा सदन में दिए गए किसी भी बयान से किसी भी व्यक्ति को ठेस पहुंची है तो मैं खेद प्रकट करते हुए माफी मांगती हूं. लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि संसद में दिए गए मेरे बयान को गलत तरीके से तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया.'