चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) फर्स्ट क्लास शतकों का अर्धशतक लगाने वाले 9वें भारतीय हैं. उन्होंने 323 पारियों में यह कमाल किया.
(Photo - चेतेश्वर पुजारा)
भारत के टेस्ट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा के 50वें प्रथम श्रेणी शतक और शेल्डन जैकसन के साथ उनकी अटूट साझेदारी से सौराष्ट्र ने कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्रॉफी ग्रुप बी मैच के पहले दिन दो विकेट पर 296 रन बनाकर विशाल स्कोर की ओर कदम बढ़ाए. पुजारा ने अब तक अपनी पारी में 238 गेंद का सामना करते हुए नाबाद 162 रन बनाए हैं जिसमें 17 चौके और एक छक्का शामिल है. जैकसन की 191 गेंद 99 रन की पारी में चार चौके और दो छक्के शामिल हैं. पुजारा ने 50 प्रथम श्रेणी शतक पूरा करते ही दिग्गजों के क्लब में जगह बना ली. वह शतकों का अर्धशतक लगाने वाले 9वें भारतीय हैं. उनसे आगे सुनील गावस्कर व सचिन तेंदुलकर (81), राहुल द्रविड़ (68), विजय हजारे (60), वसीम जाफर (57), दिलीप वेंगसरकर (55), वीवीएस लक्ष्मण (55), मोहम्मद अजहरुद्दीन (54) हैं.
वहीं 50 प्रथम श्रेणी शतक लगाने वाले वे 5वें सबसे तेज भारतीय हैं. उन्होंने यह कारनामा 323 पारियों में किया. यह रिकॉर्ड विजय हजारे के नाम हैं जिन्होंने 253 पारियों में 50 प्रथम श्रेणी शतक लगा दिए थे. उनके बाद सचिन तेंदुलकर (273), मोहम्मद अजहरुद्दीन (311) और सुनील गावस्कर (321) हैं.
पुजारा-जैकसन की बड़ी साझेदारी - सौराष्ट्र ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया जिसके बाद जगदीश सुचिथ ने दोनों सलामी बल्लेबाजों हार्विक देसाई (13) और स्नेहल पटेल (16) को जल्द पवेलियन भेजकर मेजबान टीम का स्कोर 33 रन पर दो विकेट कर दिया. पुजारा (नाबाद 162) और शेल्डन जैकसन (नाबाद 99) ने इसके बाद तीसरे विकेट के लिए 263 रन की अटूट साझेदारी करके पारी को संवारा और दूसरे व तीसरे सत्र में कर्नाटक के गेंदबाजों को सफलता से महरूम रखा. पुजारा ने कर्नाटक के खिलाफ हमेशा से रन बनाए हैं. इस मैच से पहले उन्होंने इस टीम के खिलाफ 13 पारियों में 94.50 की औसत से 945 रन बनाए थे. इसमें 3 शतक और इतने ही अर्धशतक शामिल है. उनका सर्वोच्च स्कोर 352 रन भी कर्नाटक के खिलाफ ही बना है.
टेस्ट टीम के अहम सदस्य हैं पुजारा - न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले चेतेश्वर पुजारा का घरेलू क्रिकेट में रन बनाना टीम इंडिया के लिए अच्छी खबर है. वे भारतीय टेस्ट टीम के अहम सदस्य हैं. भारत के लिए दो टेस्ट मैच की यह सीरीज काफी अहम होगी क्योंकि इसमें जीतने या ड्रॉ कराने पर उसका वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचना लगभग तय हो जाएगा. इसके बाद भारत को साल के आखिर में ऑस्ट्रेलिया में 4 टेस्ट खेलना है और फिर अगले साल इंग्लैंड से उसकी 5 टेस्ट की घरेलू सीरीज है.