कश्मीर घाटी में हिजबुल कमांडर नवीद बाबू और डीएसपी दविंदर सिंह के साथ पकड़े गए वकील और ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) इरफान अहमद मीर के घर आतंकी ठिकाना मिला है। गुरुवार को इस मामले में पूछताछ के लिए दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। मामले की जांच कर रही एजेंसियां इसे बड़ी सफलता मान रही हैं।
(File Photo - आतंकियों संग पकड़ा गया डीएसपी)
एनआईए की ओर से आज यानी कि शुक्रवार को मामले को हाथ में लिया जा सकता है। दिल्ली से एक टीम श्रीनगर आकर पूरे मामले की तहकीकात शुरू करेगी। इस संबंध में जरूरी औपचारिकताएं दिल्ली व जम्मू में पूरी की जाएंगी। गृह मंत्रालय ने एनआईए को मामले की जांच की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। जांच शुरू होते ही इस मामले से जुड़े सभी कागजात एनआईए को सौंप दिए जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार वकील के शोपियां जिला स्थित दयारू गांव में आतंकी ठिकाने से हथियार या किसी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई है। माना जा रहा है कि नवीद बाबू और डीएसपी की ओर से यहां हथियार छिपाए जाते रहे होंगे। वकील इरफान अहमद मीर पांच बार भारतीय पासपोर्ट पर पाकिस्तान गया था। आरोप है कि वह पाकिस्तान से आतंकी वारदातों के लिए आदेश हासिल करता था। 11 जनवरी को जब डीएसपी और हिजबुल कमांडर नवीद बाबू व एक अन्य आतंकी की दक्षिणी कश्मीर के मीर बाजार इलाके में गिरफ्तारी हुई थी, उस वक्त इरफान ही गाड़ी चला रहा था।
पूछताछ में सुरक्षा एजेंसियों को यह भी जानकारी मिली थी कि नवीद बाबू और उसके साथी को लेकर इरफान ही डीएसपी के इंदिरा नगर स्थित घर पर गया था। बताते हैं कि डीएसपी नवीद बाबू को चंडीगढ़ में कुछ महीनों तक किराये पर ठहराने के लिए 12 लाख रुपये लिए थे। पिछले साल भी वह नवीद बाबू को जम्मू लाया था। यहां कुछ दिनों तक स्वास्थ्य लाभ के बाद उसे शोपियां सुरक्षित पहुंचाया था।
एयरफोर्स की इंटेलीजेंस विंग भी कर सकती है जांच
सूत्रों ने बताया कि एयरफोर्स की इंटेलीजेंस विंग भी मामले की जांच कर सकती है। चूंकि डीएसपी एयरपोर्ट पर एंटी हाइजैकिंग विंग में तैनात थे। इस वजह से सुरक्षा संबंधी मामलों पर उनसे पूछताछ की जा सकती है।