महाराष्ट्र - महाअघाड़ी को एक और झटका, अब कांग्रेस विधायक ने दिया इस्तीफा

     महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बगावत के सुर उठने लगे हैं. अब जालना से कांग्रेस विधायक कैलाश गोरंट्याल ने इस्तीफा दे दिया है.



  • महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद उठे बगावत के सुर

  • मंत्री पद नहीं मिलने पर कांग्रेस MLA गोरंट्याल का इस्तीफा

  • (कांग्रेस विधायक कैलाश गोरंट्याल - फाइल फोटो)



   महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बगावत के सुर उठने लगे हैं. अब जालना से कांग्रेस विधायक कैलाश गोरंट्याल ने इस्तीफा दे दिया है. कैबिनेट में जगह न मिलने से नाराज गोरंट्याल ने कहा कि मैंने पार्टी अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया है. मैं तीसरी बार विधयाक चुना गया हूं और मैंने अपने लोगों के लिए काम किया है. फिर भी मुझे मंत्री नहीं बनाया गया.


विधायकों में असंतोष - महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विधायकों में असंतोष दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. कांग्रेस में असंतोष का पहला सुर पुणे से सुनने को मिला था. एक जनवरी को पुणे के विधायक संग्राम थोपटे के समर्थकों ने कांग्रेस कार्यालय में तोड़फोड़ की, क्योंकि उन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया. थोपटे ही नहीं, पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणीति शिंदे को भी मंत्रिमंडल से बाहर रखा गया. थोपटे के समर्थकों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और राहुल गांधी को पत्र लिखा है, जबकि कुछ ने पार्टी के प्रति विद्रोही रवैया दिखाया है.


   सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इन लोगों से पार्टी के भीतर कर्नाटक जैसे किसी प्रकार के विद्रोह को खत्म करने के लिए बात करेंग. अन्य विधायक जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर नहीं बोला उन्होंने पार्टी के समक्ष अपनी शिकायतों को दर्ज कराया था. कुछ विधायकों ने कहा था कि वे स्थिति से अवगत कराने के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलेंगे. हालांकि नई दिल्ली के हस्तक्षेप से परिणाम यह हुआ है कि प्रणीति शिंदे ने पार्टी के साथ किसी तरह के मतभेद से इनकार किया है और वहीं संग्राम थोपटे ने कहा है कि वह पार्टी के साथ हैं.


कांग्रेस में मतभेद - महाराष्ट्र में कांग्रेस कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ आंतरिक मतभेदों का सामना कर रही है. उनका कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में उनकी अनदेखी की गई है. मुंबई से दो बार के विधायक रहे अमीन पटेल को कैबिनेट में जगह मिलने की उम्मीद थी, लेकिन असलम शेख और वर्षा गायकवाड़ को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया. मुंबई में, पूर्व मंत्री आरिफ नसीम खान, जो चुनाव हार गए थे, को भी परेशान माना जा रहा है. अब उन्होंने मांग की है कि महाराष्ट्र सरकार केरल का अनुसरण करे और एक सीएए विरोधी प्रस्ताव पारित करे.