संजय राउत विवाद - BJP जैसी नहीं कांग्रेस, एक दिन में बैकफुट पर आई शिवसेना

     महाराष्ट्र में नया गठबंधन, नया साथी और अब नया तेवर है. यही वजह है कि शिवसेना नेता व राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और करीम लाला के कनेक्शन को लेकर बयान दिया तो कांग्रेस ने आंखें तरेर ली. इसका नतीजा यह हुआ कि 24 घंटे के अंदर शिवसेना बैकफुट पर आ गई.



  • शिवसेना को इंदिरा पर बयान देना महंगा पड़ा

  • कांग्रेस ने तरेरी आंख तो शिवसेना ने लिया यूटर्न

  • शिवसेना ने 5 साल तक किए बीजेपी पर हमले


     बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में एक समय शामिल रही शिवसेना ने पांच साल तक नरेंद्र मोदी सरकार से लेकर महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार पर जमकर हमले किए. शिवसेना के बयानों पर पलटवार करने की बजाय बीजेपी ने हमेशा ऐसे बयानों को नजरअंदाज किया. लेकिन अब महाराष्ट्र के समीकरण बदल गए हैं, बीजेपी के साथ रही शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी के सहयोग से महाराष्ट्र की सत्ता पर कब्जा किया है, ऐसे में कांग्रेस को बीजेपी की तरह ट्रीट करना शिवसेना के लिए मुसीबत का सबब बन गया है.


इंदिरा- करीम लाला की मुलाकात पर विवाद


    महाराष्ट्र में नया गठबंधन, नया साथी और अब नया तेवर है. यही वजह है कि शिवसेना नेता व राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और करीम लाला के कनेक्शन को लेकर बयान दिया तो कांग्रेस ने आँखें तरेर ली. इसका नतीजा यह हुआ कि 24 घंटे के अंदर शिवसेना ही बैकफुट पर आ गई है और राउत को अपना बयान वापस लेना पड़ा.  शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार को दावा किया था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मुंबई में अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलने आती थीं. संजय राउत ने अंडरवर्ल्ड के दिनों को याद करते हुए कहा था कि दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और शरद शेट्टी जैसे गैंगस्टर महानगर और आस-पास के इलाकों पर अपना कंट्रोल रखते थे.



कांग्रेस ने जताई कड़ी आपत्ति


   शिवसेना नेता का यह बयान कांग्रेस को नागवार गुजरा. कांग्रेस नेता और उद्धव सरकार में मंत्री नितिन राउत ने संजय राउत के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इंदिरा गांधी हमारी नेता थीं. कांग्रेस नेता ने कहा कि शिवसेना जब इससे पहले भी सरकार का हिस्सा थी तब भी संजय राउत बीजेपी के खिलाफ बयान देते थे. लेकिन अगर उन्हें (संजय राउत) लगता है हम सुनते रहेंगे तो ऐसा नहीं है, कांग्रेस ऐसे बयान कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. नितिन ने कहा कि हम ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं। साथ ही कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने भी बयान की आलोचना करते हुए कहा, इंदिरा गांधी एक देशभक्त थीं, संजय राउत अपना बयान वापस लें.


   इसका नतीजा यह हुआ कि शिवसेना नेता संजय राउत को अपना बयान वापस लेना पड़ा. राउत ने कहा कि अगर उनके बयान से कांग्रेस के किसी भी नेता को या फिर गांधी परिवार को दुख पहुंचा है तो वे अपना बयान वापस लेते हैं. उन्होंन कहा, 'हमारे कांग्रेस के मित्रों को आहत होने की जरूरत नहीं है. अगर किसी को लगता है कि मेरे बयान से इंदिरा गांधी जी की छवि को धक्का पहुंचा है या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने बयान को वापस लेता हूं.'