तिरुपति में हर घंटे 4 हजार श्रद्धालुओं को ही एंट्री मिलेगी - काशी की गंगा आरती में आम लोग शामिल नहीं हो सकेंगे

  • वैष्णो देवी यात्रा 31 मार्च तक रद्द की गई, आखिरी दिन 8400 श्रद्धालु दर्शन कर पाए

  • तिरुपति बालाजी मंदिर में वेटिंग व्यवस्था बंद की गई है, यहां टोकन देकर दर्शन कराए जा रहे हैं



     कोरानावायरस फैलने के डर से देशभर में भीड़ जुटने से रोकने की कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में धार्मिक स्थानों पर भी बंदिशें लगाई जा रही हैं। बुधवार को श्री माता वैष्णोदेवी यात्रा भी 31 मार्च तक रोक दी गई। वृंदावन में भगवान रंगनाथ जी की 171 साल पुरानी वार्षिक यात्रा भी स्थगित कर दी गई है।  तिरुपति बालाजी मंदिर में हर घंटे 4 हजार श्रद्धालुओं को ही एंट्री मिलेगी। काशी में गंगा आरती में आम लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। इससे पहले मंगलवार को शिर्डी का साईं मंदिर, शिंगणापुर स्थित शनिधाम और मदुरै स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर दर्शनार्थियों के लिए अगले आदेश तक बंद कर दिए गए।



  • तिरुपति: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन बंद नहीं किए गए हैं, लेकिन यहां वेटिंग की व्यवस्था बंद की गई है। यहां बीते कुछ दिनों से भक्तों की संख्या में काफी कमी आई है। मंदिर में अब हर घंटे 4 हजार से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने नहीं जा सकेंगे। जिन श्रद्धालुओं को दर्शन की इजाजत मिलेगी, उन्हें मास्क पहनकर आना होगा और सैनिटाइजर साथ रखना होगा। मंदिर में 13 मार्च को 56160 श्रद्धालु थे। ये 14 मार्च को बढ़कर 78200 हो गए। 15 मार्च को श्रद्धालुओं की संख्या 63700, 16 मार्च को 55800, 17 मार्च को 49200 रही।

  • वैष्णोदेवी: जम्मू के कटरा स्थित श्री माता वैष्णोदेवी ट्रस्ट ने वैष्णो देवी यात्रा भी 31 मार्च तक रद्द कर दी है। फैसला ऐसे समय आया है, जब हर साल इस सीजन में यात्रियों की संख्या बढ़ती है। पिछले कुछ दिनों में ही गर्भगृह के दर्शन के लिए रोजाना 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु कटरा बेस कैंप आए। इससे पहले ट्रस्ट ने निर्देश दिया था कि एनआरआई देश में आने के 28 दिन तक यहां न आएं। जिन्हें खांसी, बुखार और सांस लेने में परेशानी हो वे फिलहाल अपनी यात्रा टाल दें।

  • अजमेर. कोरोनावायरस के कहर के चलते पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर भी बंद कर दिया गया है। यहां अब 31 मार्च तक श्रद्धालु दर्शन नहीं कर सकेंगे। हालांकि, मंदिर में पूजा नियमित रूप से की जाएगी।


  • शिर्डी: कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए महाराष्ट्र के शिर्डी साई मंदिर को मंगलवार दोपहर तीन बजे से श्रद्धालुओं के लिए अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। 



  • ममलेश्वर: मध्य प्रदेश में खंडवा के पास स्थित ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शनों पर भी रोक लगा दी गई है। फिलहाल इस मंदिर को 31 मार्च तक बंद रखने का फैसला किया गया है। मंदिर के पुजारी तीन बार आरती करके भोग लगाते रहेंगे। अब तक ग्रहण के समय ही इस मंदिर के कपाट बंद किए जाते थे। 

  • वाराणसी: यहां होने वाली गंगा आरती में अब आम लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। यह निर्णय जिला प्रशासन और गंगा सेवा निधि ने कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया है। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने कहा- दशाश्वमेध घाट पर होने वाली मां गंगा की दैनिक आरती का स्वरूप 31 मार्च तक के लिए सांकेतिक किया गया है।

  • कर्नाटक: बेंगलुरु के राजाजी नगर और कनकपुरा रोड स्थित इस्कॉन टेम्पल आज से आम लोगों के लिए अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।   

  • महाकाल: महाकाल मंदिर में सिर्फ भस्म आरती में भक्तों का प्रवेश बंद किया गया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस दौरान यहां करीब 3-4 घंटे तक बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं।

  • त्र्यंबकेश्वर: महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित इस ज्योतिर्लिंग तीर्थ में भी मंगलवार से दर्शन बंद कर दिए गए हैं। यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

  • घृष्णेश्वर: महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित इस ज्योतिर्लिंग में भी दर्शन बंद कर दिए गए हैं।

  • सिद्धिविनायक: मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर को सोमवार से अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। मंदिर प्रशासन ने अपने सभी कर्मचारियों को मास्क पहनने और हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। 

  • कामाख्या मंदिर: गुवाहाटी स्थित इस शक्तिपीठ में मंदिर प्रशासन ने रोजाना लगने वाले भोग को कुछ दिन के लिए बंद कर दिया है। यहां श्रद्धालुओं को हैंड सैनिटाइजर्स मुहैया कराया जा रहा है।