राज्यसभा में भाजपा और ज्यादा मजबूत - कांग्रेस हुई और कमजोर

     राज्यसभा में नए सांसदों की शपथ के बाद उच्च सदन के समीकरण बदल गए हैं। कांग्रेस और कमजोर हुई है तो भाजपा और ज्यादा मजबूत। उच्च सदन में कांग्रेस की ताकत भाजपा से आधी से भी कम रह गई है, जबकि राजग ने 100 का आंकड़ा पार कर बहुमत की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। हालांकि अभी वह 22 सीट दूर है। राज्यसभा में 1990 के बाद से किसी दल के पास बहुमत नहीं रहा है। इसके पहले कांग्रेस उच्च सदन में बहुमत में थी।



     उच्च सदन में बहुमत न होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। हालांकि 17वीं लोकसभा में सभी नाजुक मौकों पर उसने जोड़-तोड़ कर विपक्ष पर बढ़त हासिल की है। 245 सदस्य राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा 123 पर होता है। अब इन द्विवार्षिक चुनाव के बाद भाजपा की संख्या 85 सांसदों की हो गई है, जबकि राजग के सांसदों की संख्या 102 पहुंच गई है। अब राजग और बहुमत के बीच केवल 22 सीटों का अंतर रह गया है।


     दूसरी तरफ कांग्रेस और कमजोर हुई है और उसके केवल 40 सांसद उच्च सदन में रह गए हैं। कांग्रेस के गठबंधन संप्रग की संख्या 65 है। इस तरह राजग और संप्रग के बीच भी अंतर बढ़ गया है। ऐसे में दोनों गठबंधन से अलग दलों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है।