भारतीय सेना को मिलने वाले हैं ड्रोन्स इजरायल, अमेरिका से

     अपनी क्षमता को विस्तार देने के प्रयास के तहत भारतीय सेना को जल्द ही इजरायली हेरोन और अमेरिकी मिनी ड्रोन्स मिलने वाले हैं। इनके जरिए चीन से लगती सीमा और पूर्वी लद्दाख में सर्विलांस को मजबूत किया जाएगा। सरकारी सूत्रों ने बताया कि हेरोन सर्विलांस ड्रोन्स के लिए अधिग्रहण सौदा अंतिम चरण में हैं और उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर में इस पर हस्ताक्षर हो जाएंगे। हेरोन ड्रोन्स को लद्दाख सेक्टर में तैनात किया जाएगा। ये भारतीय सुरक्षाबलों के बेड़े में शामिल ड्रोन्स से अधिक अडवांस हैं। 



     इन ड्रोन्स का अधिग्रहण नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से सुरक्षाबलों को दिए गए इमर्जेंसी फाइनेंशल पावर्स का इस्तेमाल करते हुए किया जाएगा। इसके तहत युद्धक क्षमता में विस्तार के लिए 500 करोड़ रुपए तक के इक्विपमेंट और सिस्टम खरीदे जा सकते हैं। चीन से तनाव के बीच सरकार ने यह मंजूरी दी थी। 

     

     सूत्रों के मुताबकि, दूसरे छोटे या मिनी ड्रोन्स अमेरिका से खरीदे जा रहे हैं, जिन्हें बटालियन स्तर पर उपलब्ध कराया जाएगा। हाथ से संचालित होने वाले ड्रोन्स का इस्तेमाल विशेष क्षेत्र पर नजर रखने के लिए किया जाएगा। भारतीय नेवी ने हाल ही में अमेरिकी नेवी से दो हाईटेक ड्रोन लीज पर भी लिए हैं।
  
     भारतीय सुरक्षाबल ऐसे हथियारों की खरीद में जुटे हैं जो उन्होंने चीन के साथ मौजूदा तनाव में मददगार साबित होंगे। इससे पहले 2019 में पाकिस्तान में स्थित बालाकोट में आतंकी कैंपों पर एयर स्ट्राइक्स के दौरान भी सेनाओं को इस तरह के अधिकार दिए गए थे। इंडियन एयरफोर्स ने इस अधिकार का इस्तेमाल करते हुए बड़ी संख्या में हैमर एयर टु ग्राउंड स्टैंडऑफ मिसाइलों की खरीद की थी, जिनकी मारक क्षमता 70 किलोमीटर तक है।