हिंसा पर आधारित शासन न राष्ट्र को पसंद न ही राष्ट्र के नागरिकों को - अजीत सिन्हा

     राँची । आज प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अजीत सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पश्चिम बंगाल में असंख्य हिन्दुओं की हत्यारी ममता सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है. मेरी समझ से राज्य में अब राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। इसके लिए मैं ट्विटर और कू के माध्यम से अपनी प्रार्थना महामहिम राष्ट्रपति महोदय सहित प्रधानमंत्री कार्यालय को जरूर भेजूंगा क्योंकि राष्ट्र व राज्य के नागरिकों की जान राजनैतिक लड़ाई में जाये, ये किसी को भी मंजूर नहीं होगा।

(अजीत सिन्हा
     हालांकि पश्चिम बंगाल में राजनैतिक दल विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं लेकिन चुनाव पूर्व हिंसा 70 सालों से बैलेट और बुल्लेट वाली चुनाव की याद दिलाती है, जो कि रक्त रंजित होती थी और चुनाव पूर्व और बाद की हिंसा हमेशा देशवासियों को द्रवित करती थीं। 

     स्वस्थ समाज में हिंसा की कोई स्थान नहीं होता है लेकिन सत्ता की खातिर रक्त रंजित खेल या सत्ता लोलुपता हेतु कुछ भी कर गुजरने या किसी भी तरह से सत्ता हासिल हेतु मानवीय मापदण्ड से नीचे उतर कर कार्य करने वाले लोग किसी भी तरह से देश भक्त या राज्य भक्त नहीं हो सकते। ममता सरकार द्वारा मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति हेतु बड़े पैमाने पर हिन्दुओं की हत्या करना या करवाना यह कहां तक न्यायोचित है? यह भारत के नागरिकों के लिए चिंतन - मनन का विषय है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी ने न ही ऐसे बंगाल की कल्पना की थी और न ही ऐसे भारत की जंहा लोकतंत्र के नाम पर अब भी एक वर्ग विशेष द्वारा हिंसा तंत्र हावी है. जिसे वहां की तत्कालीन शासित सरकार प्रश्रय दे रही है। जय हिंद!