इस समय देश के हालात पर ओछी राजनीति करने का नहीं है अपितु सहयोगात्मक बर्ताव ही स्वीकार योग्य - अजीत सिन्हा

     बोकारो (झारखण्ड) - प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अजीत सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भारत के सभी राजनीतिक दलों से आत्म मंथन करने हेतु अपील करते हुए कहा कि आज देश में महामारी की वज़ह से बनी स्तिथि - परिस्थितियों पर ओछी राजनीति करने से बाज आने हेतु कहा है. क्योंकि देखा जाये तो सभी राजनीति दल हमाम में नंगे हैं क्योंकि किसी ने भी अपनी जिम्मेवारियों को सही ढंग से नहीं निभाया चाहे वे सत्ता में हों या सत्ता से बाहर।

(अजीत सिन्हा)
     केंद्रीय सरकार द्वारा जिन्हें सुविधाएं मिली उन्होंने उन सुविधाओं का न ही अच्छी तरह से प्रयोग किया या जिन्हें नहीं भी मिली वे अपनी क्षमताएं भी ठीक से प्रयोग नहीं कर पाये। वैसे तो देश में स्वास्थ्य सेवाओं हेतु इंफ्रास्ट्रक्चर एवं वर्क फोर्स की कमी है क्योंकि आबादी के हिसाब से प्रत्येक एक लाख की जनसंख्या पर राज्यों के प्रत्येक राज्य में मात्र 27 से 40 बेड ही उपलब्ध है. इतनी कम बेडों की संख्या यह दर्शाती है कि ये बेड आम समय के बीमार लोगों के लिए भी पूर्ण नहीं है जबकि अभी महामारी का समय है. देश में चिकित्सा हेतु ट्रेन्ड डॉक्टर्स की संख्या भी बहुत ही कम है साथ में नर्सिंग स्टाफ भी बहुत ही कम है और उसमें तो ट्रेण्ड नर्सो की संख्या तो कम से कम है जनसंख्या के अनुपात में। हालांकि राज्य सरकारों ने काॅन्ट्रेक्चुअल (औपबंधिक) आधार पर नर्सिंग स्टाफ की बहाली की है लेकिन उनकी तनख्वाह इतनी कम है कि परिवार का भरण - पोषण मुश्किल है. आपको जानकर घोर आश्चर्यज होगा कि कई राज्यों में औपबंधिक नर्सिंग स्टाफ को 7000 से 13000 के बीच तनख्वाहें दी जा रही हैं जबकि वे हाई रिस्क जोन में काम कर रहे हैं, उन राज्यों में झारखण्ड भी एक है।

     अधिकतर मरीजों के परिजनों को दवा अपनी पॉकेट से खरीदनी पड रही है. निजी अस्पतालों में लूट मची हुई है.  इसकी भी कोई गारंटी नहीं कि मरीज़ बच ही जायेंगे। ऐसी विकट परिस्थितियों में विपक्षी दल केंद्र सरकार की टांग खींच रहे हैं, तो केंद्र के आईटी सेल के बन्दे राज्य सरकारों की व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहे हैं? जबकि होना यह चाहिये था कि सभी मिलजुल कर इस भीषण परिस्तिथि से निकलने का प्रयास करते।

     आगे अजीत सिन्हा ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की यह खूबी होनी चाहिए कि दुःख में विपक्ष भी साथ निभाये लेकिन आम परिस्तिथियों में टांग खींचाई अवश्य करे,  क्योंकि जागा विपक्ष स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा होता है। अंत में उन्होंने सभी विपक्षी दलों सहित केंद्र की सरकार से आग्रह किया कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने पर ध्यान देते हुए, वर्क फोर्स बढ़ाने पर विचार किया जाये। साथ में नर्सिंग स्टाफ के मानदेय को भी बढ़ाया  जाये। जो औपबंधिक रूप से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. साथ में हो सके तो उनकी रेगुलर बेसिस पर उनकी सेवाओं का समायोजन भी किया जाये क्योंकि वे महामारी से लड़ने वाले सच्चे योद्धा हैं. उनके प्रयास को सभी को हृदय से नमन करना चाहिए।