महंगाई की आड़ लेकर अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है कांग्रेस सरकार, केवल आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर अभिभावकों से खिलवाड़ कर रहे है - संयुक्त अभिभावक संघ

 News from - अभिषेक जैन बिट्टू 

संघ ने कहा " प्रदेश का अभिभावक निजी स्कूलों की फीस से तंग आ चुका है, लगातार शिकायतें दर्ज करवा रहे है किंतु राज्य सरकार ने निजी स्कूलों के आगे किया आत्मसमर्पण "

     जयपुर। एक तरफ कोरोना महामारी ने लोगो का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है तो दूसरी तरह महंगाई ने आमजन की कमर तोड़कर रख दी है। जहां बिजली, पानी, राशन महंगाई की भेंट चढ़ चुके है वही निजी स्कूलों की अशोषित फीस लूट ने भी अभिभावकों के जीवन को झकझोर करके रख दिया है। वही प्रदेश की कांग्रेस सरकार महंगाई को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी कर रही है. जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा है कि " प्रदेश सरकार और कांग्रेस महंगाई की आड़ लेकर अपनी जिम्मेदारियों भाग रही है केवल आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर अभिभावकों से खिलवाड़ कर रही है। " निजी स्कूलों की अशोषित फीस लूट से प्रदेश के 2 करोड़ अभिभावकों का जीवन नरक बन गया है और राज्य सरकार है कि अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है और निजी स्कूलों को संरक्षण देकर स्वयं का आत्मसमर्पण कर दिया है। " 

     प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से प्रदेश का अभिभावक निजी स्कूलों की फीस लूट से तंग आकर सड़कों और स्कूलों के द्वार पर प्रदर्शन कर रहे है, धरनों पर बैठ रहे है अधिकारियों और मंत्रियों के चक्कर काट रहे है किन्तु कोई सुध लेने वाला नही है, 18 दिसम्बर को राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश आया, 03 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया किन्तु राज्य सरकार हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना करवाने के बजाय निजी स्कूलों की लूट को संरक्षण दे रही है। राज्य सरकार का महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन केवल जनता को गुमराह करने का दिखावा है असल मे केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर जनता के हितों के साथ खिलवाड़ कर रहे है। क्योंकि इन्ही निजी स्कूलों में अधिकतर नेताओ की पाटर्नरशिप है और अधिकतर निजी स्कूलों से ही इनकी पार्टीयो को चंदा मिलता है जिसके चलते ना केंद्र सरकार निजी स्कूलों पर कार्यवाही कर रही है और ना ही राज्य सरकार कार्यवाही कर रही है। अगर निजी स्कूलों की निष्पक्ष जांच बैठा दी जाए तो इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला और आमजन के साथ विश्वासघात इन्ही निजी स्कूलों और नेताओं के द्वारा निकलेगा और नेताओं के साथ स्कूलों की साथ-गांठ का भी पर्दाफाश होगा।

15 जुलाई से प्रदेश में स्कूलों को खोलना जल्दबाजी, छात्र-छात्राओं और अभिभावकों के जीवन से खिलवाड़ ना करे सरकार

     संघ प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि देशभर में कोरोना संरक्षण की तीसरी लहर की दस्तक दरवाजों पर खड़ी है जिसकी पुष्टि खुद केंद्र और राज्य सरकारों की रिपोर्ट में हो चुकी है ऐसी स्थिति में प्रदेश में स्कूलों को खोलने का निर्णय करना जल्दबाजी होगी, राज्य सरकार को स्थिति को देखकर ना सही स्वयं की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर छात्र-छात्राओं और अभिभावकों के जीवन से खिलवाड़ नही करना चाहिए। एक तरफ राज्य सरकार बाज़ारों, मॉल, मंदिरों आदि स्थानों पर सख्ती बरतने के निर्देश दे रही है, घर चलाने वालों पर धारा 144 लगाई हुई है उसके बावजूद स्कूलों को खोलने पर विचार कर रही है। जबकि पिछले वर्ष जब स्कूल खोले गए थे तो प्रदेशभर में इन्ही स्कूलों में कई गंभीर मामले और स्कूलों की लापरवाही देखने को मिली थी। अगर इन सबके बावजूद छात्र-छात्राओं सहित अभिभावकों के जीवन से खिलवाड़ करने की योजना बनाई गई तो जनांदोलन होगा। बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों को सड़कों पर उतना पड़ेगा अभिभावक पीछे नही हटेगा। जिसकी जिम्मेदारी और जवाबदेही स्कूल, विभाग और सरकार की होगी।