खेमराज समिति का विरोध कर समिति गठन के आदेश एवं वार्ता के आमंत्रण पत्र की जलाई होली

 News from -  अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ खेमराज समिति को नहीं करेगा स्वीकार

समितियों का खेल बंद करे सरकार

वेतन विसंगति एवं वेतन कटौती सहित 15 सूत्री मांगो को लेकर प्रदेश के 7 लाख कर्मचारियों में है जबरदस्त  आक्रोश

     जयपुर. खेमराज समिति के गठन एवं वार्ता के लिए भेजे गए आमंत्रण पत्र की अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने खेमराज समिति के कार्यालय वित्त भवन के सामने होली जलाकर जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया। खेमराज समिति विभिन्न महासंघ एवं समितियों को वेतन विसंगति के संबंध में पक्ष रखने के लिए आमंत्रित कर रही है। इसी श्रंखला में आज अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ को समिति ने अपना पक्ष रखने के लिए आमंत्रित किया था।

     महासंघ के जिला अध्यक्ष चन्द्र शेखर गुर्जर के नेतृत्व में सैकड़ों कर्मचारियों ने समिति के सामने पक्ष रखने के स्थान पर वित्त भवन कार्यालय के बाहर समिति के गठन एवं वार्ता आमंत्रण पत्र की होली जलाकर  विरोध प्रदर्शन किया। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के जिला अध्यक्ष चन्द्र शेखर गुर्जर, जिला मंत्री रतन कुमार प्रजापति ने बताया कि सरकार कर्मचारियों के साथ छल एवं विश्वासघात करने के लिए कभी मंत्रिमंडलीय समिति बनाती है तो कभी सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों की अध्यक्षता में समितियों का गठन करती है ।

हम इन समितियों के खेल का पुरजोर विरोध करते हैं

     वर्तमान सरकार ने पूर्व में गठित डी सी सामंत समिति की रिपोर्ट तो आज दिनांक तक सार्वजनिक नहीं की एवं एक नवीन समिति बनाकर कर्मचारियों में भ्रम की स्थितियां पैदा कर रही है। सरकार को महासंघ के 15 सूत्री मांग पत्र पर बैठकर द्विपक्षीय वार्ता से मांगो का हल निकालना चाहिए। महासंघ समितियों के खेल में कर्मचारियों को नहीं फंसने देगा एवं राज्य सरकार द्वारा इस समिति को निर्देश दिया गया है कि समीप के राज्यों के वेतन-भत्तों का विश्लेषण कर, राज्य के कर्मचारियों से तुलना कर रिपोर्ट पेश करें। सरकार के इन निर्देशो से कर्मचारियों के साथ पूर्व के लिखित समझौतो की अवहेलना एवम  इस चाल का महासंघ  कड़ा विरोध  करता हैं।

     राज्य सरकार एवं महासंघ में विगत 30 वर्षों से यह लिखित समझौता हैं कि राज्य सरकार, राज्य के कर्मचारियों को केंद्र के समान वेतन, भत्ते स्वीकृत करेगी एवं यदि किसी संवर्ग को केंद्र से ज्यादा मिल रहा है तो उसे यथावत रखा जाएगा लेकिन इस बार खेमराज समिति जिन निर्देशो के साथ गठित की गई है, इसमें समीपस्त राज्यों से वेतन भत्तों की तुलना का निर्देश दिया गया है। जिसकी महासंघ कड़े शब्दों में निंदा करता है एवं सरकार से अपील करता है कि वह महासंघ से पूर्व के लिखित समझौता पर कायम रहें। नही तो सरकार को कड़े संघर्ष एवम विरोध का सामना करना पड़ेगा। संयुक्त महासंघ पूर्व के समझौतों की पालना के लिए आर पार का संघर्ष करेगा।

     महासंघ के जिलामंत्री रतन कुमार प्रजापति ने बताया कि राज्य सरकार के वित्तीय कुठाराघातो से प्रदेश के लाखों शिक्षक, अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक कर्मचारियों व सहायक कर्मचारियों पर वेतन कटौती के कारण करोड़ों रुपए की वसूली की तलवार लटकी हुई है । आजादी के बाद यह प्रथम बार हुआ है जिसमें कर्मचारियों के वेतन का पुनः निर्धारण कर उनकी जेब काटी जा रही है। महासंघ राज्य कर्मचारी सरकार द्वारा की जा रही जेब तराशी का जवाब देने के लिए मजबूर हुआ है। राज्य सरकार दबाव में विभिन्न विभागों में स्वीकृत पदों को नहीं भरा जा रहा है तथा धीरे-धीरे स्वीकृत पद समाप्त कर सार्वजनिक क्षेत्र को हानि पहुंचाई जा रही है एवं निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है । जो राज्य की जनता, शिक्षित, प्रशिक्षित बेरोजगारों के साथ घोर अन्याय है। 

     राज्य में संविदा, समेकित वेतन, मानदेय एवं ठेका प्रथा द्वारा नियोजित कार्मिकों के शोषण की पराकाष्ठा की जा रही है जिससे राज्य में आर्थिक एवं सामाजिक तानाबाना कमजोर हो रहा है।  राज्य सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में आज 33 जिला मुख्यालय पर महासंघ के संबद्ध संगठनों के हजारों कर्मचारियों ने उपस्थित होकर समिति गठन के आदेशों की तथा महासंघ को दिए गए आमंत्रण पत्र की होली जलाकर कड़ा विरोध दर्ज करवाया गया है।

सरकार द्विपक्षीय वार्ता करें नहीं तो आने वाले समय में सरकार को महा संघ से जुड़े 7 लाख कर्मचारियों का के कड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा

     जिला मंत्री ने बताया कि विभिन्न विभागों के मंत्री एवं विभागाध्यक्ष मुख्यमंत्री के निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं । वित्त विभाग राजस्थान सरकार ने दिनांक 28 मई,  2021 को मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदित परिपत्र जारी कर निर्देश दिए  कि महासंघ से संबद्ध समस्त घटक संगठनों से संबंधित विभागों के मंत्री गण एवं शासन सचिव /विभाग अध्यक्ष द्विपक्षीय वार्ता आयोजित कर उनके मांग पत्र पर उचित कार्रवाई करेंगे । प्रदेश के मुख्यमंत्री के विशेष निर्देशो से जारी आदेश सरकार के मंत्रियों एवम् अधिकारियो ने रद्दी की टोकरी में डाल दिए । जिसके कारण कर्मचारियों का वर्तमान सरकार से विश्वास उठ गया है।

यह हैं मुख्य मांगे --

     राज्य के कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना, केंद्रीय वेतनमान के समान वेतन भत्ते लागू किए जावे एवं शेड्यूल 5 में की गई कटौती बहाल की जावे। एसीपी के स्थान पर 8,16 ,24 एवम 32 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का वेतनमान स्वीकृत किया जावे। बोर्ड निगम स्वायत्त शासी संस्थाओं एवं सहकारी संस्थाओ में कार्यरत कर्मचारियों को पूर्व की भांति राज्य कर्मचारी के अनुरूप सातवें वेतन आयोग सहित अन्य परिलाभ दिया जावे।नवीन भर्ती सेवा नियम एवं नई पेंशन नियम 2004 को समाप्त कर पूर्ववर्ती व्यवस्था लागू की जावे एवं प्रोबेशन में पूर्व की भांति नियमित वेतनमान दिया जावे।

     राज्य सरकार के अधीन संविदा कर्मी, ठेका कर्मी, समेकित वेतनमान पर कार्यरत एवम् मानदेय पर कार्यरत समस्त कार्मिकों को नियमित किया जाए। विभिन्न विभागों में समस्त संवर्गों के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती की जावे। मंत्रालयिक कर्मचारियों को शासन सचिवालय, लोक सेवा आयोग एवं विधानसभा में कार्यरत कर्मचारियों के अनुरूप वेतन, भत्ते, पदोन्नति व अन्य सुविधाएं प्रदान की जावें। सहायक कर्मचारियों की एमटीएस की लंबित पत्रावली पर आदेश प्रसारित किए जावे। वर्क चार्ज कर्मचारियों को नियमित पदोन्नति दी जावे।

     सरकारी विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र में उपक्रमों में निजी करण, पीपीपी मॉडल आधारित व्यवस्थाओं को समाप्त किया जावे। महासंघ  के 15 सूत्री मांग पत्र पर सकारात्मक आदेश जारी किए जावे तथा महासंघ सहित समस्त संबद्ध संगठनों से द्विपक्षीय वार्ता आयोजित कर मांगों का निस्तारण किया जावे।

     आज के कार्यक्रम में महासंघ के घटक संगठन की जिला शाखा आयुर्वेद परिचारक संघ, राजस्थान आवासन मंडल, राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ, राजस्थान नर्सेज नर्सेज राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ, राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ, राजस्थान आयुर्वेद नर्सेज एसोसिएशन, राजस्थान नल मजदूर संघ, राजस्थान शिक्षक संघ एवं पंचायत राज कर्मचारी संघ, राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारी संघ, राजस्थान पटवार संघ, राजस्थान कृषि स्नातक एवं पर्यवेक्षक संघ ने भाग लिया।