शतप्रतिशत कैपेसिटी के साथ स्कूल खोलने की इजाजत दे, बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है राज्य सरकार : संयुक्त अभिभावक संघ

News from - Abhishek Jain Bittu

कोरोना के साथ अब डेंगू का ख़ौफ़, अभिभावकों की सबसे बड़ी चिंता

व्यवस्था बनाने के बजाय, प्रदेश का माहौल खराब कर रही है राजस्थान सरकार

     जयपुर। प्रदेश में भले ही कोरोना के मामले कम देखने को मिल रहे है किंतु उसके बावजूद बच्चों और अभिभावकों में कोरोना महामारी का डर पहले ही सता रहा है और अब प्रदेश में डेंगू का डर ओर सताने लगा है। संयुक्त अभिभावक संघ ने शतप्रतिशत कैपेसिटी के साथ स्कूलो की इजाजत देने पर राज्य सरकार पर बच्चों और अभिभावकों की जिंदगी से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान सरकार निजी स्कूलों के दबाव में लगातार कार्य कर रही है और प्रदेश में व्यवस्था बनाने की बजाय प्रदेश का माहौल खराब कर रही अभिभावकों और बच्चों में डर बिठा रही है। 

     प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि भले ही राज्य सरकार कोरोना महामारी के मामले कम होने के दावे कर रही हो किन्तु हकीकत में प्रदेश में कोरोना महामारी को लेकर जांच व्यवस्था ही सीमित कर दी गई है जिसके बाद राज्य सरकार झूठे दावे और वादे कर प्रदेश को एक बार फिर महामारी की ओर धकेल रहे है। पूर्व में भी राज्य सरकार ने विभिन्न समय पर गाइडलाइन जारी कर स्कूलो को खोलने के निर्देश दिए बावजूद इसके बच्चों और अभिभावकों ने स्कूलों से दूरी बनाई रखी। सरकार को शतप्रतिशत कैपेसिटी के साथ स्कूल खोलने की इजाजत देने से पूर्व अभिभावकों और बच्चों से राय, मशवरा करना चाहिए, अभिभावक बच्चों को स्कूल क्यो नही भेज रहे है उस पर अभिभावको के विचार लेने चाहिए था, बच्चे किस डर के कारण स्कूल नही जा रहे है सरकार को उस पर मंथन करना चाहिए था, बच्चों से सुझाव, विचार लेना चाहिए था किंतु सरकार ने व्यवस्था बनाने की बजाय प्रदेश का माहौल खराब करने की ठान रखी, अभिभावकों और बच्चों का डर निकालने की बजाय राजस्थान सरकार प्रदेश के अभिभावकों और बच्चों में अव्यवस्थाओं का डर बिठा रही है।

चोर रास्ते के जरिये देश के सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के हाथों में सौप रही केंद्र सरकार

     संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब देश के सरकारी स्कूलों को भी निजी स्कूलों के हाथों में सौपने की तैयारी में जुट गई है। जिससे गरीब परिवारों और ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों को अपने बच्चों को पढ़ाने में काफी कठनाईयों का सामना करना पड़ेगा। 

     मनोज शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार संसाधनों, गुणवत्त शिक्षा और हुनरमंद का हवाला देकर निजी स्कूलों को सरकारी स्कूलों पर कब्जा जमाने का अधिकार देकर देश से सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाओं को खत्म करने की योजना बना निजी स्कूलों का संरक्षण कर रही है। जिस प्रकार देश मे केंद्र सरकार ने रेलवे, एयरलाइन, एलआईसी, टेलीकॉम, बैंकिंग सेक्टर आदि का निजीकरण कर निजी माफियाओ के एकतरफा राज को बढ़ावा दिया ठीक उसी प्रकार सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाओं बनाने की बजाय केंद्र सरकार ने विध्यांजली योजना का प्रोपोगंडा रचकर सरकारी स्कूलों की योजना को खत्म करने की योजना बनाई है। जहां निजी स्कूलों को सरकारी स्कूलों से सीखना चाहिए था वहां अब सरकारी स्कूल निजी स्कूलों से सीखने का षड्यंत्र दिखा सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों को सौप दिए जाएंगे। जिससे गरीब, मध्यम आयवर्गीय और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अपने बच्चों को शिक्षा दिलवाने में निजी स्कूलों की मुंह कीमत पर समझौता करना पड़ेगा।