भारत रत्न, सुर साम्राज्ञी सुश्री लता मंगेशकर ,सरस्वती की साक्षात् प्रतिमूर्ति आज पावन धाम को प्रस्थान कर गयी

 News from - Arvind Chitransh 

     भारत रत्न, सुर साम्राज्ञी सुश्री लता मंगेशकर जी, सरस्वती की साक्षात् प्रतिमूर्ति आज अपनी पुण्य काया का त्याग कर परमपिता के पावन धाम को प्रस्थान कर गयी हैँ 

     आजमगढ़ के साहित्यिक और सांस्कृतिक धरती,धननीपुर गांव, तहसील मेंहनगर निवासी, मुंबई फिल्मी दुनिया के प्रसिद्ध गीतकार ने दुखी मन से कहा कि समूचे ब्रह्माण्ड को अपनी अद्वितिय स्वर से गुंजायमान करने वाली लता दीदी का जाना हम सबके लिए एक कभी न भरने वाली क्षति है. 

(गीतकार विनोद स्वप्निल लता दीदी के साथ) 
     आजमगढ़ के साहित्यिक और सांस्कृतिक धरती के मूल रूप से ग्राम -धरनीपुर , तहसील -मेहनगर निवासी विनोद स्वप्निल (पुत्र श्री मिठाई लाल मौर्य )फिल्म इंडस्ट्री के प्रसिद्ध गीतकार ने दुखी मन से कहा कि समूचे ब्रह्माण्ड को अपनी अद्वितिय स्वर से गुंजायमान करने वाली लता दीदी का जाना हम सबके लिए एक कभी न भरने वाली क्षति है!

      मैं सौभाग्यशाली हूँ कि मेरे द्वारा रचित गीत को लता दीदी के मखमली शब्दों में ढलने का अवसर प्राप्त हुआ !मौका था मशहूर अभिनेता एवं सांसद श्री रवि किशन एवं स्वीटी छाबड़ा अभिनीत भोजपुरी फिल्म "दूल्हा अइसन चाही" का | जिसमे गीतकार के तौर पर मैं काम कर रहा था ! उसी समय हमारे परम मित्र श्री अरविन्द चित्रांश जी जिन्होंने आजमगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी संगम जैसा वृहद् आयोजन किया था उन्होंने मुझसे कहा कि भोजपुरी की लगातार गिरती गरिमा बड़ी चिंता का विषय है पहले लता मंगेशकर जैसी महान गायिका भी भोजपुरी संगीत का हिस्सा होती थी पर आज लोग भोजपूरी के नाम से सिर्फ अश्लीलता ही समझते है ! 

    मैंने यह बात फिल्म के संगीतकार और निर्देशक से की ,यदि दीदी अपनी आवाज़ दे तो भोजपुरी संगीत के लिए अविस्मरणीय हो जायेगा पर समस्या ये थी की दीदी ने गाना बंद कर दिया था ! इस विचार को हमारी पूरी टीम ने दीदी के समक्ष रखकर उनसे विनती की तो वो तुरंत तैयार हो गयीं ! और एक कालजयी क्षण हमारे जीवन में शाश्वत उपलब्ध हो पाया !