अक्षय तृतीया पारणा समारोह हुआ

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श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा कांकरोली 

मुनि प्रसन्नकुमार (बन्धुत्रय) के 36वां एकासन वर्षी तप

     राजसमंद। अक्षय तृतीया के दिन हमने उत्कृष्ट 13 नारा० दिपारण किया मुनि प्रसन्न कुमार ने अक्षय समारोह में मुनि ने उपस्थित जन भेेदनी को समबोधित करते हुए कहा कि ऋषभ भगवान तीर्थंकर बने  के कोई। इस प्रकल उपराने पड पत्रकुमार को स्नान आपणा में मेरूतको रज्ञान उत्पन्न होने से नाराज महल इतर काकरभिशाको निवेदन किया। 

     नियमा गुसार चूणवाल मे भेंट स्वरूप आहुए ये प्रभुने हाथ अंजसी कर मात्र बना कर पीते है अपज हो गया। देवनाओने असे दान कर पृष्टी जैन दर्शन की मान्यता है। 9ों में एक अन्तय होते हैं। किसी को पीने सुविधासभा पहुंचाने में लगने से उसके जीवन में सावकाधा आ जाती है। उसे भी प्राप्त नहीं होता राज थे उस समय लोगो छोकीबाने का आदेश दे दिया इससे बैल 13 घण्टे भूखे प्या रहे। उसके प्रति फरक से माना जाता है। । वर्ष 4 दिन अन्भजल नही मिला।


     आजकलो पशुपक्षी पालन करते या उनके हिस्से का बुरा देते या एका जाते हैं। मटा पाप है। सरकार देने वाले देते है बीचे में रखा जाना अन्तर का पाप होता है। इस अवसर पर मुनियशवंत कुमार राजनगर भिक्षुको अध्यातील चपूल मंत्री श्री मति मंजू मराजनगर महिलाले सामुहिक रूप गीत कांक राखी हामा अध्यक्ष प्रकाशजी सोनी मण्डल अध्यक्ष निर्वायुप अध्यक्षकांकराली 17 वर्षों से वर्षी त्य करने वाली कार्यक्रम को सथा जन हारीने किया। कच्छारा