दीपशिखा कला संस्थान के प्रबंधन विभाग का ओरिएंटेशन संपन्न

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     जयपुर. आज दीपशिखा कला संस्थान के प्रबंधन विभाग ने सोमवार को अपने प्रबंधन विभाग के नये सत्र 2022 का आगाज़ होटल गोल्डन ट्युलीप, जयपुर में किया। इस अवसर पर नये प्रबंधन विद्यार्थियों का तिलक लगा कर स्वागत किया गया और उन्हें प्रोफेशनल कोर्स के बारे में जानकरी प्रदान की।

     कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.वी एन प्रधान, कुलपति, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, डॉ.अंकित गांधी, उपकुलपति, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी , संदीप मेंघानी, प्रबंध संचालन यशश्वी भव, अजीत सिंह सोढा, प्रबंध संचालक AACE, सुमित अग्रवाल, प्रबंध संचालक, AACE एवं डॉ. रुस्तम बोड़ा, निदेशक, मैनेजमेंट डिपार्टमेंट, दीपशिखा कला संस्थान रहे।

     कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर के की । कार्यकम के मुख्य वक्ता संदीप मेंघानी ने अपने संबोधन में इस बात पे जोर दिया की सूचना और साक्षरता को सही से समझने, सही से सुनने, और सही से काम में लेने की जरूरत होती है। प्रबंधन क्षेत्र में अपने आपको बेहतर बनाना है तो सीखना जारी रखे।

     इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष प्रेम सुराणा ने नये विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा की प्रबंधन क्षेत्र में जुड कर अपने आपको एक बेहतर व्यक्तित्व के साथ अच्छा इंसान बनना जरूरी है। डॉ. अंशु सुराणा, संस्था के उपाध्यक्ष ने अपने सम्बोधन में कहा की शिक्षा क्षेत्र में प्रबंधन का अपना महत्व है साथ ही नये प्रबंधन के आयामों को भी सीखना ज़रूरी है।

     कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर वी एन प्रधान के छात्राओं और छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा की प्रबंधन क्षेत्र में आगे बढ़ना केवल मकसद नहीं होना चाहिएबल्कि कुछ सीख कर समाज को बेहतर बनाना और खुद को बेहतर बनना जरूरी है। डॉ. अंकित गांधी ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को फ्लो का मंत्र दिया जिसमें कहां की फोकस करना है, नई चीजें सीखना है, सोच को सही रखना है, साथ ही अच्छे से काम करना व्यक्ति को अच्छा प्रबंधन बनाता है.

     प्रबंधन विभाग के निदेशक डॉ. रुस्तम बोड़ा के नये विद्यार्थियों को नये सत्र में स्वागत करते हुए कहा सीखना और अपने हुनर को बढ़ाना बेहतर होता है। रुचि सिसोदिया, शैक्षणिक प्रमुख एवं सहायक प्रोफ़ेसर, प्रबंधन विभाग ने नए प्रबंधन विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए उन्होंने नए आयामों को सीखने पे जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्रोफ़ेसर निशा चौधरी ने किया।