News From - Arvind Chitransh
आर्य समाज स्कूल समाबुला के साथ पूरे फीजी में अलग-अलग स्थान पर मनाया गया
आजमगढ़ (उ.प्र.)। भारत देश की गौरव गाथा और गौरवशाली पूर्वांचल की संस्कृति और महिमा के लिए गिरमिटिया मजदूर के रूप में 146 साल पहले फीजी और अन्य देशों में गए भारत के पूर्वजों के सम्मान में फीजी देशवासियों ने अलग-अलग स्थानों पर अपने पूर्वजों के याद में गिरमिटिया यादगार दिवस को विभिन्न झांकियों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम किया।
जिसका संपूर्ण संचालन और आयोजन कोऑर्डिनेटर राज बिंद्रा सिंह और हेडमास्टर प्रवीण कपूर के नेतृत्व में स्कूल के बच्चों द्वारा नाटक, गीत, संगीत और झांकियों से गिरमिटिया वंशजों को नमन किया गया।
जिसके मुख्यअतिथि फिजी देश की केंद्रीय हिंदी टीचर्स एसोसिएशन की अध्यक्षा, यूनिवर्सिटी ऑफ़ फीजी की छात्रा रही, फीजी डी.ए.वी. गर्ल्स कॉलेज की अंग्रेजी और हिंदी की शिक्षिका सुश्री सुऐता दत्त चौधरी जो भारत के अंतरराष्ट्रीय संयोजक अरविंद श्रीवास्तव 'चित्रांश' के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के विशेष सहयोगी भी है।
गौरवशाली पूर्वांचल के प्रधान संपादक एवं प्रभारी, अंतरराष्ट्रीय संयोजक अरविंद चित्रांश ने कहा कि हमारे ही पूर्वज विदेशों में जाकर अपनी प्रतिभा, संस्कृति की गौरव गाथा और संघर्षो को भूले नहीं हैं। अपने गिरमिटिया पूर्वजों की याद में आज भी वह भारत को बड़े ही सम्मान के दृष्टि से देखते हैं।
फीजी गिरमिटिया यादगार दिवस के मुख्य अतिथि सुश्री सुऐता दत्त चौधरी ने कहा की हमें कभी नहीं भूलना चाहिए कि हम अपने पूर्वजों के जीते-जागते सपने हैं।
हम पर यह जिम्मेदारी है कि हम उनकी विरासत को एकता, शिक्षा, सम्मान और सांस्कृतिक गौरव के माध्यम से आगे बढ़ते रहें। हम उन्हें सिर्फ शब्दों से नहीं बल्कि अपने कर्मों से सम्मान दें। दयालु, परिश्रमी और सम्मानजनक नागरिक बनकर।
यहाँ उपस्थिति सभी विद्यार्थियों तुम ही कल की आशा हो। अपने इतिहास को जानो, अपनी जड़ों का सम्मान करो और हमेशा सिर ऊँचा रखकर चलो क्योंकि तुम्हारे पूर्वज धैर्य और शक्ति के सच्चे योद्धा थे।जिसे हम नमन करते हैं।
और अंत में मैं अपने हृदय की गहराइयों से भारत से आए सभी गिरमिटिया पूर्वजों को नमन करती हूँ। उनका साहस हमें हमेशा प्रेरणा देता रहे और उनके बलिदान कभी भूले ना जाएँ।