कमलेश तिवारी केस का खुलासा, DIG हिमांशु शुक्ला ने मुख्य आरोपियों को किया गिरफ्तार

कमलेश तिवारी केस सुलझाने में गुजरात ATS का अहम रोल - कई हाई प्रोफाइल केस का कर चुके हैं खुलासा 


हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या भले ही लखनऊ में हुई हो, लेकिन इस कांड के तार गुजरात के सूरत से जाकर जुड़े. इस हत्याकांड का खुलासा करने में यूपी पुलिस ने जानकारियां जुटाई तो गुजरात एटीएस इन सुरागों के आधार पर आरोपियों के गर्दन तक पहुंची. आखिरकार मंगलवार रात हत्याकांड के दो मुख्य आरोपियों अशफाक हुसैन (34) और मोइनुद्दीन खुर्शीद पठान (27) की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने इस केस को मुकम्मल अंजाम तक पहुंचा दिया. (Photo - Himanshu Shukla - ATS Chief.)



UP पुलिस से आगे निकली गुजरात ATS


कमलेश तिवारी हत्याकांड के खुलासे के पीछे गुजरात एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला का अहम रोल रहा है. हिमांशु शुक्ला वैसे IPS ऑफिसर रहे हैं जिन्हें एनकाउंटर के दौरान गोली लग चुकी है. IPS शुक्ला के नेतृत्व में ही गुजरात एटीएस ने सूरत से पहले तीन आरोपियों मौलाना मोहसिन शेख, मास्टरमाइंड राशिद अहमद पठान और फैजान की गिरफ्तारी की, फिर इसी युवा आईपीएस ऑफिसर की अगुवाई में गुजरात-राजस्थान बॉर्डर के पास सामल जी से हत्याकांड के मुख्य आरोपियों अशफाक और मोइनुद्दीन की गिरफ्तारी हुई. गिरफ्तारी के वक्त ये दोनों राजस्थान से गुजरात की सीमा में प्रवेश करने वाले थे.  इस घटना के तार गुजरात से जुड़ते ही गुजरात एटीएस सतर्क हो गई थी. जैसे ही एटीएस चीफ हिमांशु शुक्ला को सूरत के एक दुकान में आरोपियों के होने की सूचना मिली, हिमांशु शुक्ला अपनी टीम के साथ बिना देरी किए सूरत पहुंच गए. इसी का नतीजा रहा कि हत्याकांड के मात्र 24 घंटे से पहले ही सूरत से केस के मास्टमाइंड राशिद अहमद पठान, मौलाना मोहसिन शेख और फैजान पठान को गिरफ्तार कर लिया गया. हत्याकांड के मुख्य आरोपियों की तलाशी में यूपी पुलिस लखीमपुर, बरेली और सहारनपुर भटकती रही, लेकिन इनकी गिरफ्तारी में बाजी मारी गुजरात ATS ने . डीआईजी हिमांशु शुक्ला के नेतृत्व वाली गुजरात एटीएस ने कहा कि आरोपियों के परिवार के सदस्यों से पूछताछ और तकनीकी और फिजिकल सर्विलांस के आधार पर आरोपी दबोच लिए गए.


हिमांशु शुक्ला के हाथों गुजरात ATS की कमान - गुजरात ATS के तेज तर्रार युवा ऑफिसर हिमांशु शुक्ला ने आतंकवाद निरोधक एजेंसी के कार्य दक्षता की परिभाषा बदल दी है. वे पहले भी हाई प्रोफाइल केसों का खुलासा कर चुके हैं. हिमांशु शुक्ला गुजरात कैडर के 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. इस वक्त वे गुजरात ATS के डीआईजी हैं. उनकी पहली पोस्टिंग हिम्मतनगर में बतौर असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस के रूप में हुई थी. उन्होंने IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग किया है.


एनकाउंटर के दौरान लगी थी पेट में गोली - हिमांशु शुक्ला जब ट्रेनिंग ही कर रहे थे तो गुजरात में उनके सामने एक लूट का मामला सामने आया. इस लूट के तार उत्तर प्रदेश से जाकर जुड़े.  हिमांशु शुक्ला लूट के एक आरोपी को पकड़ने के लिए अपनी टीम के साथ यूपी आए. यहां पर केस के आरोपियों से उनकी टीम की मुठभेड़ हो गई इस दौरान उन्हें गोली लगी थी. इस चोट से उबरते हुए वे बिना रुके अपने काम में जुटे रहे.


गोधरा-अहमदाबाद ब्लास्ट केस की जांच की - गुजरात में क्राइम ब्रांच में रहते हुए हिमांशु शुक्ला ने कई हाई प्रोफाइल केस सुलझाए. गुजरात के 2002 दंगों से जुड़े 4 केसों की जांच जिम्मा उन्हें दिया गया था. इस मामले को उन्हें अंजाम तक पहुंचाया. इस केस के बाद उन्हें एटीएस में काम करने का मौका मिला. 2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल बम ब्लास्ट की घटना को सुलझाने में भी उन्होंने अहम रोल अदा किया था. गुजरात के भरूच में 2 बीजेपी नेताओं की हत्या का केस भी इन्होंने सुलझाया है.


डॉन रवि पुजारी, दाऊद के गुर्गों को किया गिरफ्तार - हिमांशु शुक्ला अंडरवर्ल्ड डॉन रवि पुजारी के गुर्गों और 1993 ब्लास्ट के आरोपियों को भी गिरफ्तार कर चुके हैं. जनवरी 2017 में हिमांशु शुक्ला ने गुजरात पुलिस के साथ मिलकर गैंगस्टर रवि पुजारी के गुर्गे सुरेश पिल्लई को गिरफ्तार किया था. इसी साल जब डॉन रवि पुजारी अफ्रीकी देश सेनेगल से गिरफ्तार हुआ था उस वक्त भी गुजरात एटीएस ने देश की खुफिया एजेंसियों को अहम इनपुट दिया था. जून 2018 में हिमांशु शुक्ला के नेतृत्व में गुजरात एटीएस ने 1993 बंबई ब्लास्ट के आरोपी अहमद कमाल शेख उर्फ लंबू को गिरफ्तार किया था. लंबू को वलसाड से गिरफ्तार किया गया था. लंबू की गिरफ्तारी पर हिमांशु शुक्ला ने कहा कि इसके सिर पर 5 लाख का इनाम था और ये सोने की स्मगलिंग का काम करता था.