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"नशा मुक्त समाज की ओर एक कदम"
जयपुर। रीजनल कॉलेज ऑफ फार्मेसी, जयपुर में अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एस. पी. शर्मा (पूर्व सेक्शन अधिकारी, यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान), दीपशिखा कला संस्थान के चेयरमैन डॉ. प्रेम सुराना और वाइस चेयरमैन डॉ. अंशु सुराना ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज नशा केवल बड़ों तक सीमित नहीं रह गया बल्कि बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। शराब, ड्रग्स और हेरोइन जैसे नशीले पदार्थ बच्चों और युवाओं का भविष्य अंधकारमय बना रहे हैं।
डॉ. प्रेम सुराना ने कहा कि नशा एक ऐसी सामाजिक बुराई है, जो आने वाली पीढ़ियों पर गंभीर असर डालती है। इसे जड़ से खत्म करने के लिए प्रत्येक नागरिक को अपनी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने विद्यार्थियों को नशा मुक्त विकसित होने की प्रेरणा दी। डॉ. अंशु सुराना ने कहा कि नशा समाज में अवैध तस्करी और अपराध को भी बढ़ावा देता है। यह बच्चों के हाथ से देश का भविष्य छीन रहा है।
कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. ताराचंद और स्टाफगण ने सभी विद्यार्थियों को नशा मुक्ति का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि इस दिवस का मुख्य उद्देश्य नशा तस्करी पर लगाम कसना और समाज को नशा से मुक्त बनाना है, ताकि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ और स्वर्णिम भविष्य की ओर बढ़ सके।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा नुक्कड़ नाटक, भाषण और पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से नशा के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने बताया कि नशा करने से केवल धन की हानि नहीं होती, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। भारत सरकार ने भी नशे के खिलाफ सख्त कानून बनाए हैं लेकिन समाज को पूरी तरह नशा मुक्त बनाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।
अंत में सभी ने शपथ ली कि वे स्वयं नशे से दूर रहेंगे और दूसरों को भी इसके खिलाफ जागरूक करेंगे।