अमेरिका के राज्य एवं स्थानीय चुनावों में जीते 4 भारतीय-अमेरिका
वॉशिंगटन: अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने जम्मू-कश्मीर में संविधान के अस्थायी अनुच्छेद के प्रावधानों को रद्द करने के 'साहसी कदमों' के लिए गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। सांसद जॉर्ज होल्डिंग ने गुरुवार को सदन में कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और संसद ने जो कदम उठाए हैं उनकी आवश्यकता थी, वे क्षेत्र में दीर्घकालिक स्थायित्व के लिए जरूरी हैं और इनकी सराहना की जानी चाहिए।' रिपब्लिकन सांसद ने कहा कि भारतीय संसद ने जम्मू-कश्मीर का दर्जा बदलने का कानून पारित करने के साथ ही उन प्रावधानों में भी बदलाव किया है जो 'आर्थिक विकास में बाधक थे और अलगाववाद की भावना को बढ़ावा देने वाले लगते थे। (Photo - US Congressman George Holding)
होल्डिंग ने आगे कहा, 'हाल तक, कश्मीर अनुच्छेद 370 से चलता था, जो एक पुराना कानून था जिसे भारतीय संविधान ने अस्थायी तौर पर मान्यता दी थी। अनुच्छेद 370 उन लोगों के लिए भले ही अच्छा हो जिनके राजनीतिक संपर्क थे, लेकिन यह लोगों को आर्थिक अवसर उपलब्ध नहीं कराता था।' होल्डिंग ने कहा कि भारतीय संविधान के अस्थायी प्रावधान ने 'ध्रुवीकरण का माहौल' बनाया जिसका राजनीतिक दोहन किया गया और पिछले कुछ दशकों में हजारों लोगों ने आतंकवादी हमलों में अपनी जान गंवाई। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान स्थित कई समूह सीमा पार आतंकवाद फैलाने में सक्षम रहे जिससे यहां के लोगों और उनके परिवारों को काफी कुछ झेलना पड़ा और अर्थव्यवस्था हमेशा कमजोर रही।' होल्डिंग ने कहा कि इन्हीं सबके चलते मोदी सरकार को यह फैसला लेना था कि पुरानी नीति के साथ ही चला जाए या फिर क्षेत्र के वैधानिक दर्जे में बदलाव कर प्रगति के रास्ते पर बढ़े। होल्डिंग ने कहा, 'मैडम स्पीकर, जम्मू-कश्मीर के लोग बेहतर के हकदार हैं और स्थिति को देखते हुए साहसी कदम उठाकर प्रधानमंत्री मोदी ने सही किया। जम्मू-कश्मीर के दर्जे में बदलाव को संसद द्वारा दो-तिहाई बहुमत से पारित किया गया जो सुधारों की आवश्यकता की जरूरत पर आम सहमति को दर्शाता है।' सांसद ने कहा कि इन बदलावों के बाद भी यहां अशांति चाहने वाले लगातार हिंसा को बढ़ावा देने में लगे हैं।
होल्डिंग ने कहा, 'पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों ने हाल ही में आम नागरिकों को बाहर निकलने, काम करने या सार्वजनिक स्थलों पर न जाने की चेतावनी देते हुए पोस्टर लगाए।' उन्होंने कहा कि ये समूह सीमापार आतंकवाद में लिप्त हैं और इन्होंने नागरिकों तथा बच्चों पर हमले भी किये हैं। इन आतंकवादी समूहों ने सेब के कारोबार से जुड़े व्यापारियों और मजदूरों को भी निशाना बनाया। गौरतलब है कि भारत सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने का ऐलान किया था। इसके साथ ही अविभाजित जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की भी घोषणा की गई थी। 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बन गए।
गजाला हाशमी ने रचा इतिहास - अमेरिका में एक बार फिर भारतीय मूल के लोगों ने राजनीति के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, व्हाइट हाउस में प्रौद्योगिकी नीति के एक पूर्व सलाहकार और एक मुस्लिम महिला समेत 4 भारतीय-अमेरिकियों ने मंगलवार को अमेरिका में हुए राज्य एवं स्थानीय चुनावों में जीत दर्ज की। भारतीय-अमेरिकी गजाला हाशमी ने वर्जीनिया राज्य की सीनेट में निर्वाचित होने वाली पहली मुस्लिम महिला बन कर इतिहास रच दिया। वह पूर्व में सामुदायिक कॉलेज की प्राध्यापक रह चुकी हैं।
हिलेरी ने दी जीत की बधाई - गजाला के अलावा पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के व्हाइट हाउस प्रौद्योगिकी नीति सलाहकार रह चुके सुहास सुब्रह्मण्यम वर्जीनिया राज्य की प्रतिनिधि सभा में निर्वाचित हुए हैं। अपने पहले ही प्रयास में डेमोक्रेट हाशमी ने मौजूदा रिपब्लिकन सीनेटर ग्लेन स्टर्टेवंट को हराकर पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन मे हाशमी को इस जीत की बधाई दी। हाशमी 50 वर्ष पहले अपने परिवार के साथ भारत से अमेरिका आकर बस गईं थीं।
अन्य भारतीयों को भी मिली कामयाबी - सुब्रह्मण्यम ने भारतीय अमेरिकी बहुल लॉडन एंड प्रिंस विलियम जिले से वर्जीनिया राज्य की प्रतिनिधि सभा में अपनी जगह सुनिश्चित की है। उनकी मां मूल रूप से बेंगलुरु की रहने वाली हैं और वह 1979 में अमेरिका आ गईं थीं। कैलिफोर्निया में भारतीय मूल के अमेरिकी मानो राजू ने सैन फ्रांसिस्को के पब्लिक डिफेंडर के पद पर फिर से जीत दर्ज की है। इस बीच, नॉर्थ कैरोलिना में डिंपल अजमेरा भी शार्लोट सिटी काउंसिल में पुन: निर्वाचित हुई हैं। वह 16 साल की उम्र में अपने माता-पिता के साथ अमेरिका आई थीं।