भारत और जापान ने पाकिस्तान से कहा, 'आतंकवाद (Terrorism) से निपटने के लिए वह अपनी प्रतिबद्धताओं का 'पूरा पालन' करे. अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jai Shankar) ने भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया, जबकि जापान का नेतृत्व वहां के विदेश मंत्री तोशीमित्शु मोतेगी और रक्षा मंत्री तारो कोनो ने किया. (Photo - रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जापान के रक्षामंत्री तारो कोनो से हाथ मिलाते हुए)
भारत एवं जापान ने विदेश और रक्षा मंत्री स्तर की पहली वार्ता में पाकिस्तान से आतंकवादी गतिविधियों (Terrorism) को अंजाम दे रहे आतंकवादी संगठनों से क्षेत्रीय शांति को पैदा हो रहे खतरों पर शनिवार को चर्चा की और उससे उनके खिलाफ 'ठोस एवं स्थिर' कार्रवाई करने को कहा. दोनों देशों ने पाकिस्तान से विशेष रूप से अपील की है कि वह 'वित्तीय कार्रवाई कार्य दल' द्वारा बताए कदम उठाने समेत आतंकवाद (Terrorism) से निपटने के लिए अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का 'पूरा पालन' करे. अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया, जबकि जापान का नेतृत्व वहां के विदेश मंत्री तोशीमित्शु मोतेगी और रक्षा मंत्री तारो कोनो ने किया. पिछले साल 13वें भारत-जापान वार्षिक सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे द्वारा लिए गए एक फैसले के बाद नई 'टू प्लस टू' रूपरेखा के तहत वार्ता हुई.
भारत और जापान ने एक संयुक्त बयान में कहा, 'मंत्रियों ने सभी देशों की ओर से यह सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया कि उनके नियंत्रण वाले किसी क्षेत्र का इस्तेमाल किसी अन्य देश पर आतंकवादी हमले करने के लिए नहीं किया जाए.' बयान में कहा गया, 'उन्होंने इस संदर्भ में पाकिस्तान से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे आतंकवादी नेटवर्कों से क्षेत्रीय सुरक्षा को पैदा हो रहे खतरे को रेखांकित किया और उससे अपील की कि वह आतंकवादी नेटवर्कों के खिलाफ ठोस एवं स्थायी कदम उठाए एवं एफएटीएफ के प्रति प्रतिबद्धताओं समेत अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पूरा पालन करे.' भारत एवं जापान ने सभी देशों से अपील की कि वे आतकंवादियों की पनाहगाह और उनके बुनियादी ढांचे को नष्ट करने, आतंकवादी नेटवर्कों को बाधित करने, उन्हें वित्तीय मदद देने वाले माध्यमों को समाप्त करने और आतंकवादियों की सीमा पार गतिविधियां रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं. संयुक्त बयान में कहा गया, 'मंत्रियों ने आतंकवाद के बढ़ते खतरे की कड़ी निंदा की और इस बात को स्वीकार किया कि यह क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है.'
राजनाथ बोले-पाकिस्तान भारत से जीत नहीं सकता, इसलिए छद्म युद्ध छेड़ रखा है - रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान ने 'छद्म'युद्ध छेड़ रखा है, क्योंकि उसे अहसास हो चुका है कि वह 'परम्परागत'युद्ध नहीं जीत सकता. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जो 'छद्म' युद्ध का रास्ता अख्तियार किया है, वह एक दिन उसकी हार की वजह बनेगा. राजनाथ पुणे में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 137वें कोर्स की पासिंग आउट परेड में बोल रहे थे. रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को 1948 से लेकर 1965, 1971 और 1999 से यह अहसास हो गया था कि वह किसी भी परम्परागत या सीमित युद्ध में भारत के खिलाफ जीत नहीं सकता. उन्होंने कहा, 'उसने आतंकवाद के जरिए छद्म युद्ध का रास्ता चुना है और मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ आपसे कह सकता हूं कि पाकिस्तान को हार के सिवाय कुछ नहीं मिलेगा.'राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के अन्य देशों के साथ हमेशा शिष्ट और मैत्रीपूर्ण रिश्ते रहे हैं. भारत की अपने क्षेत्र से अतिरिक्त कोई महत्वाकांक्षा नहीं रही, लेकिन अगर उसे उकसाया गया तो वह किसी को नहीं बख्शेगा. उन्होंने कहा, 'हम देश की संप्रभुत्ता और लोगों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं. लेकिन अगर कोई हमारी धरती पर आतंकवादी शिविर चलाता है या कोई हमला करता है तो हम जानते हैं कि मुंहतोड़ जवाब कैसे दिया जाता है.'