एक अमेरिकी जज ने महिंद्रा रॉक्सर की बिक्री पर रोक लगाने की सिफारिश की
महिंद्रा ने 2018 में अमेरिकी बाजार में उतारी थी रॉक्सर (Mahindra Roxor - फोटो)
60 दिन का वक्त दिया - इसके अलावा, प्रशासनिक कानून न्यायाधीश (एएलजे) की राय आखिरकार महज एक सिफारिश है और हमने आईटीसी को इसकी समीक्षा करने के लिए कहा है, इसके लिए 60 दिन का वक्त दिया गया है। फिएट क्रिसलर ने एक अगस्त, 2018 को आईटीसी में मामला दर्ज कराया था। फिएट ने तीन वजहों से आपत्ति जताई थी। फिएट का कहना था कि रॉक्सर की बॉडी का आकार और वर्टिकल किनारे विलिस जीप से मिलते हैं और उसका पीछे का हिस्सा भी एक जैसा है। महिंद्रा ने हाल ही में हुए 2019 SEMA Motor Show में रॉक्सर का नया डिजाइन भी पेश किया था, जिसमें इसकी ग्रिल का डिजाइन बदला हुआ था और महिंद्रा का लोगो लगा हुआ था।
महिंद्रा भी बनाती थी विलिस जीप - दूसरे विश्व युद्ध के दौरान आई विलिस जीप अब नहीं बनती है। दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध में विलिस अमेरिकी सेना के लिए जीप बनाती थी। 1947 में महिंद्रा ने भी भारत में इसका उत्पादन शुरू किया था। 1953 में काइजर मोटर्स ने विलिस कंपनी को और 1970 में अमेरिकन मोटर्स कॉरपोरेशन ने काइजर को खरीद लिया। क्रिसलर ने 1987 में अमेरिकन मोटर्स कॉरपोरेशन से जीप ब्रांड खरीदा। खराब आर्थिक स्थिति के कारण क्रिसलर ने 2009 में अमेरिका में दिवालिया के लिए आवेदन किया। इसके बाद फिएट ने जनवरी, 2014 में इसका अधिग्रहण कर लिया।