370 हटने के बाद से LoC पर फायरिंग कर खीझ मिटा रहा PAK, दोगुना हुआ सीजफायर उल्लंघन

     इस साल सीजफायर उल्लंघन की 3,200 घटनाएं हुई हैं, यह पिछले दो वर्षों के दौरान हुई सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं से भी ज्यादा है. 2018 में सीजफायर उल्लंघन की 1,610 घटनाएं दर्ज हुई थी, जबकि 2017 में 1,000 घटनाएं हुई थीं.



  • अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के बाद से सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं में तेजी

  • इस साल सीजफायर उल्लंघन की 3,200 घटनाएं, पिछले दो सालों में सबसे अधिक

  • (File Photo - सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं में दोगुनी तेजी)



     भारत-पाकिस्तान सेनाओं के बीच लगातार झड़प के चलते लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर इस साल सीजफायर उल्लंघन की घटनाएं बढ़कर दोगुनी हो गई हैं. इनमें से आधी घटनाएं 5 अगस्त के बाद दर्ज हुई हैं यानी कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद. अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के बाद से सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं में उल्लेखनीय तेजी आई है. इस साल सीजफायर उल्लंघन की 3,200 घटनाएं हुई हैं, यह पिछले दो वर्षों के दौरान हुई सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं से भी ज्यादा है. 2018 में सीजफायर उल्लंघन की 1,610 घटनाएं दर्ज हुई थी, जबकि 2017 में 1,000 घटनाएं हुई थीं.


   इस साल सीजफायर की 3,200 घटनाओं में से 1,553 अगस्त से लेकर अब तक दर्ज हुई हैं. पिछले कुछ दिनों में लाइन ऑफ कंट्रोल पर दोनों तरफ से लगातार गोलीबारी हो रही है. पुंछ, अखनूर, उरी, तंगधार और गुरेज जैसी जगहों पर स्थिति काफी तनावपूर्ण है. सेना के सूत्रों ने हाल के आकलन के बारे में कहा, “पाकिस्तान की तरफ से लगातार घुसपैठ की कोशिश की जा रही है. जहां-जहां ऐसे प्रयास हुए हैं, वहां-वहां संघर्ष विराम उल्लंघन हुआ और भारी गोलाबारी के साथ घुसपैठ की कोशिश की गई. सभी जगह पैटर्न समान है.”


   सूत्रों का कहना है कि झड़पें जारी रहने की संभावना है क्योंकि पाकिस्तान आतंकवादियों को भारतीय सीमा में घुसाने की कोशिश करेगा. उनके मुताबिक, “प्रमुख इलाकों में हिंसा और आतंकवादियों द्वारा की गई घटनाओं में कमी देखी गई है और आतंकवादी संगठनों में स्थानीय भर्ती भी कम हुई है.” साल के शुरुआत से ही एलओसी पर माहौल काफी तनावपूर्ण रहा. भारतीय वायु सेना द्वारा बालाकोट में एक आतंकी शिविर पर एयर स्ट्राइक के बाद सीजफायर उल्लंघन की घटनाएं बढ़ीं, लेकिन यह संख्या प्रतिमाह 300 से कम थी. अगस्त में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया था, इसके बाद से सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं का औसत 300 से ज्यादा रहा है.