बुधवार को ब्रिटेन की एक अदालत ने सुनवाई के दौरान नीरव मोदी की हिरासत की अवधि बढ़ा दी. उन्हें दो जनवरी को जेल से वीडियो लिंक के जरिये पेश होने को कहा है.
(File Photo - नीरव मोदी)
पंजाब नैशनल बैंक (PNB) धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपी और हीरा कारोबारी नीरव मोदी को मुंबई की अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया है. प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर एक विशेष अदालत में ये फैसला सुनाया गया. नीरव मोदी, विजय माल्या के बाद दूसरा ऐसा कारोबारी है जिसे नए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी करार दिया गया है. ये अधिनियम पिछले साल अगस्त में प्रभाव में आया था. नीरव मोदी और उसका चाचा मेहुल चोकसी पीएनबी धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी है. यह गारंटी पत्र जारी करने में कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है जिसकी वजह से सरकारी बैंक को दो अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था. नीरव मोदी को 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. तब से वो दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में कैद है.
अब संपत्ति होगी जब्त - नीरव मोदी पर मनी लॉन्ड्रिंग के भी आरोप है. भगोड़ा घोषित होने के बाद अब मोदी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. अब आर्थिक अपराधी घोषित होने के बाद उसकी संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई शुरू हो सकती है. व्यक्ति को भगोड़ा घोषित किए जाने पर जांच एजेंसी भारत में उनकी संपत्ति जब्त करने का काम शुरू कर सकती है. ऐसे में अब उसके संपत्ति को जब्त करने का आदेश अगले महीने यानी जनवरी में सकता है.
हिरासत की अवधि बढ़ी - इससे पहले बुधवार को ब्रिटेन की एक अदालत ने सुनवाई के दौरान नीरव मोदी की हिरासत की अवधि बढ़ा दी. उन्हें दो जनवरी को जेल से वीडियो लिंक के जरिये पेश होने को कहा है. नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक के साथ दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रत्यर्पण कार्रवाई से बचने के लिए लड़ाई लड़ रहा है.
प्रत्यर्पण पर सुनवाई अगले साल - नीरव मोदी वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में लंदन की वांड्सवर्थ जेल से अपनी 28 दिन की शुरुआती सुनवाई के लिए पेश हुआ. जस्टिस गैरेथ ब्रैंस्टन ने फिर से पुष्टि की है कि प्रत्यर्पण पर सुनवाई अगले साल 11 मई को शुरू होगी और यह पांच दिन चलेगी. जस्टिस ने यह भी फैसला दिया है कि नीरव मोदी दो जनवरी 2020 को वीडियो लिंक के जरिये पेश होगा.