5 अगस्त के बाद से ही हिरासत में लिए गए जम्मू-कश्मीर के पांच नेताओं को रिहा कर दिया गया है। इसमें पीडीपी के दो, एनसी के दो और एक कांग्रेस नेता शामिल हैं।
- 5 अगस्त से हिरासत में लिए गए जम्मू-कश्मीर के पांच नेता हुए रिहा
- इसमें पीडीपी के दो, नैशनल कॉन्फ्रेंस के दो और कांग्रेस के एक नेता शामिल हैं
- 5 अगस्त को आर्टिकल 370 के खात्मे के समय हिरासत में लिए गए थे नेता
- इससे पहले 25 नवंबर को भी पीडीपी के दिलावर मीर समेत दो नेता रिहा हुए थे
- (सांकेतिक तस्वीर)
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 5 अगस्त से हिरासत में रखे गए पांच नेताओं को रिहा कर दिया है। इसमें पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (PDP) के दो, नैशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के दो और कांग्रेस के एक नेता शामिल हैं। इन सभी नेताओं को आर्टिकल 370 के कई प्रावधानों को हटाए जाने के वक्त से ही हिरासत में रखा गया था।
जिन नेताओं को रिहा किया गया है, उसमें इशफाक जब्बार और गुलाम नबी भट (एनसी के), बशीर मीर (कांग्रेस) और जहूर मीर, याशिर रेशी (पीडीपी) शामिल हैं। इसमें से याशिर रेशी ऐसे नेता हैं, जो पीडीपी चीफ और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के खिलाफ खुलेआम बगावत की थी। इससे पहले 25 नवंबर को पीडीपी के दिलावर मीर और डेमोक्रैटिक पार्टी नैशनलिस्ट के गुलाम हसन मीर को रिहा किया जा चुका है।
5 अगस्त को हुए ये बदलाव - 5 अगस्त 2019 को भारतीय संसद ने आर्टिकल 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त कर दिया था, जिससे जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा भी खत्म हो गया। जम्मू-कश्मीर को विभाजित करके लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। इनमें से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी लेकिन लद्दाख चंडीगढ़ की तर्ज पर सीधे तौर पर केंद्र के अधीन रहेगा। 5 अगस्त को आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। राज्यभर में प्रदर्शनों की आशंका के चलते भारी मात्रा में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। हालांकि, अब धीरे-धीरे इंटरनेट सेवाएं शुरू की जा रही हैं और सुरक्षाबलों को भी कम किया जा रहा है।