पाकिस्तान की तहरीके लब्बैक पार्टी के नेता खादिम हुसैन रिजवी ने करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भड़काऊ बयान दिया है. रिजवी ने कहा है कि जिन्हें सिखों से इतनी मोहब्बत है वे लोग सीमा पार करके अमृतसर चले जाएं.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ कमर जनरल बाजवा का नाम लिए बिना रिजवी ने कहा, सिखों की यूनिवर्सिटी खोलने के लिए पाकिस्तान नहीं बना. यह देश दीन का तख्त पर बैठाने के लिए बना है. सिखों को खुश करने के लिए पाकिस्तान नहीं बना. जिसको सिखों से बहुत ही प्यार है, वह अमृतसर चला जाए.''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर पर इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का उद्घाटन किया. यह सात दशक में भारत व पाकिस्तान के बीच पहला धार्मिक संपर्क है. दरबार साहिब गुरुद्वारा को करतारपुर साहिब के नाम से भी जानते हैं. सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपनी जिंदगी के अंतिम समय यहीं पर गुजारे थे, जो अब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में है.
भारत ने 24 अक्टूबर को पाकिस्तान के साथ 4.2 किमी लंबे चार लेन वाले करतारपुर साहिब कॉरिडोर के परिचालन के तौर-तरीकों को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किया. दोनों देशों ने 5000 भारतीय तीर्थयात्रियों की रोजाना यात्रा पर सहमति जताई है.
उधर, पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद अहमद ने शनिवार को कबूल लिया है कि करतारपुर कॉरिडोर सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के दिमाग की उपज थी. कॉरिडोर के इस जख्म को हिंदुस्तान हमेशा याद रखेगा. जबकि इससे उलट पाकिस्तान सरकार अब तक यह दावा कर रही थी कि कॉरिडोर खोलना प्रधानमंत्री इमरान खान की सोच है.