असम के डिब्रूगढ़ में ग्रामीणों ने एक तेंदुए को मार डाला। कई लोगों को घायल कर चुके इस तेंदुए को लोगों ने ना सिर्फ मार डाला बल्कि उसे टुकड़ों में काटकर पकाया और उसका मांस खा भी लिया। अब इस मामले की जांच की जा रही है।
- असम के डिब्रूगढ़ में ग्रामीणों ने पीट-पीटकर ले ली तेंदुए की जान
- यह तेंदुआ चराईदेव जिले में कई लोगों पर हमला कर चुका था
- गुरुवार को तेंदुआ दिचांग नदी में कूदकर डिब्रूगढ़ जिले में पहुंच गया
- यहां लोगों ने पीट-पीटकर थके हुए तेंदुए को मार डाला
- लोगों ने तेंदुए के छोटे टुकड़े करके उसे पकाकर खा भी लिया
- (Photo - तेंदुए को मारने के बाद पकाकर खा डाला)
असम के डिब्रूगढ़ जिले में गुरुवार को एक वयस्क तेंदुए को लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला। बताया गया कि इस तेंदुए ने चराईदेव में लगभग पांच लोगों पर हमला करके उनको घायल कर दिया था। इसी के चलते दिल्लीबाड़ी गांव के लोगों ने पहले तेंदुए को पीट-पीटकर उसको मार डाला फिर उसके मांस को पकाकर खा भी लिया।
दिल्लीबाड़ी गांव के रहने वाले दीपक ने बताया, 'चराईदेव जिले के अटल रंगधाली गांव में इस तेंदुए ने पांच लोगों पर हमला करके उन्हें घायल कर दिया था। हमले के बाद लोगों ने उसे पकड़ने की कोशिश की तो नदी में कूदा और पार होकर दिल्लीबाड़ी गांव में आ गया। यहां लोगों ने इसपर लाठियों से हमला बोल दिया और इसकी जान ले ली। बाद में लोगों ने तेंदुए को कई टुकड़ों में काट डाला और उसके पकाकर खा लिया।'
दीपक ने आगे बताया कि दिचांग नदी डिब्रूगढ़ और चराईदेव जिलों को अलग करती है। नदी पार करने के बाद तेंदुआ काफी थक गया था, जिसके चलते लोगों ने उसे आसानी से पकड़ लिया। डिब्रूगढ़ जिले के खोवांग फॉरेस्ट रेंज के अधिकार शांतनु गोगोई ने कहा, 'जंगलों को नुकसान पहुंचाने के चलते तेंदुओं के बाहर आने के कई मामले सामने आने लगे हैं। हम इस मामले की जांच कर रहे हैं क्योंकि यह अपराध है।' आपको बता दें कि 2017 में भी लोगों ने एक तेंदुए को मारकर उसका मांस खा डाला था।