BJP का पलटवार- PK की भाषा बोल रहे हैं CM नीतीश, NRC पूरे देश में लागू होगा

     बीजेपी एमएलसी सच्चिदानंद राय ने कहा कि NRC पूरे देश में लागू करना होगा. नीतीश कुमार प्रशांत किशोर की भाषा बोल रहे हैं.


(File Photo - बीजेपी एमएलसी सच्चिदानंद राय v CM नीतीश कुमार)



     बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को विधानसभा में एक बार फिर दावा किया कि प्रदेश में एनआरसी लागू नहीं होगा. उन्होंने कहा कि एनआरसी का मुद्दा सिर्फ असम के परिप्रेक्ष्य में है और इसे पीएम नरेंद्र मोदी भी स्पष्ट कर चुके हैं. CAA के मुद्दे पर सीएम ने कहा कि  सीएए पर बहस होनी चाहिए और अगर सभी पक्ष सहमत होते हैं तो फिर इस पर नए सिरे से विचार करना चाहिए. अब मुख्यमंत्री के इस बयान पर बीजेपी के एमएलसी सच्चिदानंद राय ने सीएम नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि वे प्रशांत किशोर की भाषा बोल रहे है.

'BJP का हो CM' - बीजेपी एमएलसी ने कहा, 'एनआरसी पूरे देश में लागू करना होगा. नीतीश जी कहें या कोई और कहे, एनआरसी लागू होगा.' उन्होंने सीएए पर चर्चा की बात पर कहा कि नीतीश कुमार प्रशांत किशोर की भाषा बोल रहे हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत इच्छा है कि बिहार में बीजेपी का सीएम हो, लेकिन पार्टी का निर्णय है नीतीश कुमार के नेतृत्व में आगे जाएंगे तो अनुशासित सिपाही के नाते मंज़ूर है.

   नागरिकता कानून के खिलाफ जेडीयू में ही दो फाड़ की स्थिति तब बन गई जब पार्टी लाइन से अलग जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तारीफ की थी और बिहार में सीएए और एनआरसी नहीं लागू होने देने का दावा किया था. इसके बाद ही सीएम नीतीश ने भी बिहार में एनआरसी नहीं लाने का ऐलान कर दिया.


नीतीश के बयान से बढ़ी हलचल - सीएए और एनआरसी के मसले पर सीएम नीतीश के बयान ने राजनीतिक जानकारों के लिए भी कौतुहल का विषय बन गया. उनके बयान देने के ठीक पहले तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश से इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान देने की मांग की थी और उन्होंने इसे स्वीकार करते हुए हुए विधानसभा में ही इसका जवाब भी दे दिया कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं किया जाएगा. उन्होंने सीएए पर भी चर्चा की बात भी कह दी. जाहिर है इसके बाद से ही कई तरह की सियासी अटकलें भी लगाई जा रही हैं.

जनगणना वाले बयान पर भी साधा निशाना  - बहरहाल सच्चिदानंद राय ने सीएम नीतीश के जातिगत जनगणना वाले बयान पर भी घेरते हुए कहा कि जातिगत जनगणना में यह भी हो कि कौन सी जाति कितने बच्चे पैदा करते हैं? उनका ग्रोथ रेट क्या रहा है? क्या ग्रोथ रेट के हिसाब से वे टैक्स देते हैं? एक जाति टैक्स दे और दूसरी केवल फ़्री में खाए यह असंतुलन हो जाएगा? उन्होंने कहा कि इसके संतुलन के लिए क़ानून बने कि जो जाति जितना टैक्स देती है, उतना ही उसका लाभ उठाएगी. उन्‍होंने आरोप लगाया कि इसकी मांग केवल वोट के लिए हो रही है. नीतीश कुमार हो या तेजस्वी यादव, दोनों की भाषा एक है. बीजेपी नेता ने स्‍पष्‍ट शब्‍दो में कहा कि जनसंख्या नियंत्रण क़ानून लागू हो और दो से ज़्यादा बच्चे पैदा करने पर तीसरे बच्चे को सरकारी सुविधा न मिले.