देश के इतिहास में कई अहम पक्षों को नजरअंदाज कर दिया गया - PM मोदी

     पश्चिम बंगाल की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार शाम कोलकता पहुंचे. इस बीच राजभवन में प्रधानमंत्री ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की और शहर की ओल्ड करेंसी बिल्डिंग में एक मूर्ति का अनावरण किया. इस दौरान आयोजित समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि देश के इतिहास में कई अहम पक्षों को नजरअंदाज कर दिया गया. हमारे देश के इतिहास और उसकी विरासत पर दृष्टि डालें तो उसे कुछ लोगों ने सत्ता के संघर्ष, हिंसा, उत्तराधिकारी की लड़ाई तक सीमित कर दिया था.


(फोटो - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी)



     प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम आज से भारत की संस्कृति, परंपराओं और विरासत सहेजने के लिए फिर से नया करने और संरक्षित करने के लिए कोलकाता से एक राष्ट्रीय मिशन की शुरुआत कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत के हैरिटेज को 21वीं सदी के अनुसार संरक्षित करने और उन्हें रिब्रांड, रेनोवेट और रिहाउस करने का आज राष्ट्रवादी अभियान पश्चिम बंगाल की मिट्टी से शुरू हो रहा है.


पीएम मोदी के भाषण की खास बातें:-
- कोलकाता भारत के सर्वोच्च सांस्कृतिक केंद्रों में से एक रहा है. आपकी भावनाओं के अनुसार अब कोलकाता की समृद्ध पहचान को नए रंग रूप में दुनिया के सामने लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. यहां की 4 आइकोनिक इमारतों के नवीनीकरण का काम पूरा हो चुका है.
- आजादी के बाद के दशकों में जो हुआ, नेताजी से जुड़ी जो भावनाएं जो देश के मन में थीं, वो हम सभी भली भांति जानते हैं. नेताजी के नाम पर लाल किले में म्यूजियम बनाया गया. अंडमान निकोबार द्वीप समूह में एक द्वीप का नामकरण नेताजी के नाम पर किया गया.
- जब आज़ाद हिंद सरकार के 75 वर्ष पूरे हुए तो लाल किले में ध्वजारोहण का सौभाग्य मुझे खुद मिला. नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग भी बरसों से हो रही थी, जो अब पूरी हो चुकी है.
- ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि अंग्रेजी शासन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद भी देश का जो इतिहास लिखा गया, उसमें इतिहास के कुछ अहम पक्षों को नजरअंदाज कर दिया गया.
- गुरुदेव टैगोर ने 1903 के अपने लेख में लिखा था कि 'भारत का इतिहास वो नहीं है जो हम परीक्षाओं के लिए पढ़ते हैं, कुछ लोग बाहर से आए, पिता बेटे की हत्या करता रहा, भाई-भाई को मरता रहा, सिंहासन के लिए संघर्ष होता रहा, ये भारत का इतिहास नहीं है'.
- गुरुदेव ने अपने एक लेख में एक बहुत महत्वपूर्ण उदाहरण भी दिया था आंधी और तूफान का. उन्होंने लिखा था कि “चाहे जितना भी तूफान आए, उससे भी ज्यादा अहम होता है कि संकट के उस समय में, वहां के लोगों ने उस तूफान का सामना कैसे किया".
- भारत के इतिहास की बहुत सी बातें पीछे छूट गईं. हमारे देश के इतिहास और उसकी विरासत पर दृष्टि डालें तो उसे कुछ लोगों ने सत्ता के संघर्ष, हिंसा, उत्तराधिकारी की लड़ाई तक सीमित कर दिया था. लेकिन जो बात गुरुदेव ने भी कही थी, उसकी चर्चा भी जरूरी है.