मध्य प्रदेश का उज्जैन जिला बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, सिंहस्थ नगरी और मंदिरों के शहर के रूप में प्रसिद्ध है. लेकिन अब उज्जैन देश का पहला ऐसा शहर बन गया है, जहां भारत सेवक मंदिर स्थापित किया गया है. यहां देश के नाम अपनी जान न्यौछावर करने वाले महापुरूषों का एक मंदिर बनाया गया है. शहर के नृसिंह घाट के पास स्थित मंदिर में शहीद सैनिकों के साथ उत्कृष्ट कार्य करने वालों की प्रतिमाएं भी लगाई गई हैं.
(Photo - उज्जैन में देश के नाम अपनी जान न्यौछावर करने वाले महापुरूषों का एक मंदिर बनाया गया है)
उज्जैन में भारत का पहला सेवक मंदिर - भारत सेवक मंदिर में सबसे पहले परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले 21 सैनिकों के साथ आजाद हिंद फौज का गठन करने वाले नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित की गई है. इस मंदिर में युवाओं को प्रेरणा देने के लिए जहां विवेकानंद हैं, तो खिलाड़ियों की प्रेरणा के लिए ध्यानचंद की मूर्ति भी स्थापित है.
महापुरूषों और महिलाओं की मूर्तियां स्थापित - भारत रत्नों के क्रम में सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा लगाई गई है. भारत के प्रथम भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, प्रथम नोबल विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की भी प्रतिमा स्थापित है. इसके अलावा प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू, प्रथम लोकसभा अध्यक्ष मावलणकर, प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, प्रथम नोबल विजेता मदर टेरेसा की प्रतिमा भी यहां स्थापित की गई है.
खिलाड़ियों से लेकर सिनेमा जगत का सम्मान - भारत सेवक मंदिर में प्रथम थल सेना अध्यक्ष जनरल के.एम. करीअप्पा, प्रथम फील्ड मार्सल जनरल मानकशा और वायुसेना अध्यक्ष अर्जुनसिंह की प्रतिमा स्थापित की गई है. सिनेमा जगत के लोगों को सम्मान देने के लिए दादा साहेब फाल्के की प्रतिमा भी लगाई गई है. यहां आने वाले लोगों की जानकारी के लिए भारत के नक्शे पर ज्योतिर्लिंग का आकार बनाया है.