घाघरा का नाम सरयू करने पर अयोध्या के संत खुश - इकबाल अंसारी बोले- सीएम योगी ने लौटाई गरिमा 

     बाबरी मस्जिद विवाद में मुद्दई रहे इकबाल अंसारी ने भी घाघरा का नाम सरयू करने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए आभार जताया है.


( जगद्गगुरु स्वामी दिनेशाचार्य ने घाघरा का नाम सरयू करने पर खुशी जताई है - फाइल फोटो)



    घाघरा नदी (Ghaghra River) का नाम सरयू (Saryu) करने पर अयोध्या के साधु-संतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई देते हुए आभार जताया है. संतों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी होने पर जगद्गगुरु स्वामी दिनेशाचार्य ने कहा कि प्राचीन काल से ही मां सरयू अयोध्यावासियों और आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था की केंद्र हैं. ऐसे में सरकार का यह निर्णय स्वागतयोग्य है. उन्होंने कहा कि यह बहुत ही प्रसन्नता की बात है कि योगी सरकार ने घागरा का नाम बदलकर सरयू कर दिया है. अब पूरी की पूरी घाघरा मां सरयू के नाम से जानी जाएगी.

   स्‍वामी दिनेशाचार्य ने कहा कि वेदों में तो उनका नाम सरयू था ही लेकिन सरकारी अभिलेखों में घाघरा था, जिसका नाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरयू रखकर अयोध्या की गरिमा को और बढ़ा दिया है. अब पूरे भारतवर्ष में घाघरा मां सरयू के नाम से जानी जाएगी. उन्होंने कहा कि सरयू पवित्र और पौराणिक नदी है. जिससे देश की गरिमा पूजित होती है. योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए जगद्गगुरु दिनेशाचार्य ने कहा कि यह उनके बहुत ही सकारात्मक कदम है जो सराहनीय है. इससे समाज में बहुत ही अच्छा संदेश जाएगा.

इकबाल अंसारी ने भी जताया आभार - बाबरी मस्जिद विवाद में मुद्दई रहे इकबाल अंसारी ने भी घाघरा का नाम सरयू करने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए आभार जताया और बधाई दी है. उन्होंने कहा कि एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या की गरिमा लौटाई है. इकबाल अंसारी ने कहा कि अब पूरे देश में घाघरा सरयू के नाम से जानी जाएगी. यह बहुत ही सराहनीय कदम है.


विहिप ने भी किया स्वागत - दूसरी तरफ, विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है- अवधपुरी मम पुरी सुहावन उत्तर दिस सरजू बहि पावन. वेदों और पुराणों में सरयू नाम तो था ही, लेकिन सरकारी अभिलेखों में भी अब घाघरा को सरयू जाना जाएगा. उन्होंने कहा कि अयोध्या के संतों महंतों की यह मांग बहुत ही पुरानी थी, जिसे अब योगी जी ने पूरी कर दिया है. जहां से इनका उद्भव होता है, वहां से इन्हें घाघरा ही कहा जाता रहा. अयोध्या पहुंचने पर इन्हें सरयू कहा गया, लेकिन अब पूरे भारत में घाघरा सरयू के नाम से जानी जाएगी. मां सरयू सिर्फ एक नदी ही नहीं है इनका अपना एक इतिहास है यह वेदों शास्त्रों में भी जानी जाती है इनका पौराणिक महत्व है.