हिमाचल में बर्फबारी जारी - सेब को मिली संजीवनी

हिमाचल में लगातार हो रही बर्फबारी से किसान और बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं अत्‍याधिक बर्फबारी के कारण इस बार सेब की फसल अच्‍छी होने की संभावना है।
(Photo - सेब की फसल अच्‍छी होने की संभावना)



     प्रदेश में तीन दिन से लगातार जारी बारिश व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी कृषि व बागवानी के लिए अमृत के समान है। प्रदेश के कुल्लू, मंडी, सोलन, सिरमौर, किन्नौर, लाहुल-स्पीति व चंबा जिले के सेब बहुल क्षेत्रों में तीन फीट से अधिक बर्फबारी हुई है। इससे सेब की अच्छी फसल होने की उम्मीद बढ़ गई है। सेब की बढ़िया फसल के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स की चिंता नहीं रहेगी। बर्फबारी सेब इस बार बीमारियों से भी बचाएगी।


   प्रदेश में 2.32 लाख हेक्टेयर भूमि पर बागवानी होती है। 38 तरह के फलों की पैदावार होती है। सेब का उत्पादन सर्वाधिक होता है। प्रदेश के आठ से अधिक जिलों में सेब का उत्पादन किया जा रहा है। प्रदेश में कुल सेब उत्पादन का 60 फीसद शिमला जिले में पैदा होता है। कुल्लू जिले के मनाली, आनी, बंजार, मंडी जिले में जंजैहली, करसोग, लाहुल-स्पीति, सोलन जिले के कुछ क्षेत्रों में सिरमौर जिले में राजगढ़, शिलाई, किन्नौर व चंबा जिले के भरमौर, पांगी में भी सेब का उत्पादन होता है। यहां अभी तक तीन फीट बर्फबारी हो चुकी है।  मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान प्रदेश में करीब साढे़ तीन करोड़ सेब की पेटियों का उत्पादन हुआ था। समूचे प्रदेश में हो रही बर्फबारी व बारिश से बागवानी और कृषि को भरपूर लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। रबी की फसल में गेहूं का उत्पादन दोगुना हो सकता है।


बड़ा होगा गेहूं का दाना - रबी की फसल के तहत प्रदेश में 5.30 लाख हेक्टेयर भूमि आती है, जिसमें से 3.40 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं का उत्पादन होता है। रबी उत्पादन के तहत 7.30 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की आशा है। इसमें से 6.51 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन होने की उम्मीद जताई जा रही है। सेब के लिए भरपूर नमी ताजा बर्फबारी होने से सेब के लिए आवश्यक नमी की जरूरत पूरी हो गई है। जमीन में इतनी नमी है कि 1200 घंटों लिए सेब के पौधे व दूसरे फलदायक पेड़ों के लिए नमी पर्याप्त रहेगी। सेब के अलावा आम, अमरूद, लीची, अंगूर, कीवी व दूसरे फलों का उत्पादन भी लगातार बढ़ रहा है।