- राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने कोटा के जेके लोन सरकारी अस्पताल का दौरा किया
- रघु शर्मा ने कहा कि अस्पताल प्रशासन के पास पैसों की कोई कमी नहीं है
- बच्चों की मौत के दोषियों पर की जाएगी कड़ी कार्रवाई: स्वास्थ्य मंत्री
- कोटा के इस अस्पताल में 100 से ज्यादा बच्चों की हो चुकी है मौत
(Photo - स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा)
राजस्थान में कोटा के सरकारी अस्पताल में 100 से ज्यादा नवजात बच्चों की मौत मामले ने तूल पकड़ लिया है। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने जेके लोन अस्पताल का दौरा किया। इस मौके पर कोटा के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह ने बच्चों की मौतों को लेकर अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। छह करोड़ से ज्यादा रुपये इनके पास पड़े हैं। अगर अस्पताल में उपकरणों की कमी थी तो प्रशासन को खरीदना चाहिए था। इतने उपकरणों की तो जरूरत भी नहीं है।
अस्पताल का दौरा करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए प्रताप सिंह ने कहा, 'राजस्थान की स्वास्थ्य सेवाओं ने पूरी दुनिया में अपनी मिसाल कायम की है। दुनिया के कई देशों में इसके बारे में स्टडी की जा रही है। ऐसे में हमारे नीयत पर शक नहीं किया जा सकता। राजस्थान के अस्पतालों में दवाइयां पूरी तरह फ्री हैं। मोहल्ला क्लिनिक में सभी सुविधाएं मुफ्त में मौजूद हैं। हमारी सरकार ने निरोगी राजस्थान का नारा दिया है और जल्द ही हम राइट टू हेल्थ का कानून लेकर आ रहे हैं।'
'अस्पताल की कमियों को जल्द करें दूर' - स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमने जेके लोन अस्पताल प्रशासन को साफ निर्देश दिया है कि अस्पताल में जितनी भी कमियां हैं, उन्हें जल्द से जल्द दूर किया जाए। रघु शर्मा ने कहा, 'कोटा के इस अस्पताल में पैसों की कोई दिक्कत नहीं है। छह करोड़ से ज्यादा रुपये इनके पास पड़े हैं। मैंने अस्पताल प्रशासन से कहा कि अगर आपके पास कोई उपकरण खराब था तो उसे तत्काल बदलना चाहिए था। हर डॉक्टर और अधिकारी को अपनी जिम्मेदारी बखूबी समझनी चाहिए।' बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री जब अस्पताल पहुंचे तो उनके स्वागत के लिए वहां कालीन बिछाया गया था, लेकिन मीडिया के जमावड़े के बाद प्रशासन ने कालीन को हटवा दिया ताकि किसी प्रकार की किरकिरी से बचा जा सके।