मोहाली में नगर निगम ने रोकी पेड़ों की सांस

     मोहाली में लगे हजारों पेड़ नगर निगम की लापरवाही के कारण दम तोड़ने लगे हैं. पेड़ों के आस-पास कंक्रीट और पेवर ब्लॉक लगे होने के कारण पेड़ों की जड़ों को हवा, पानी नहीं मिल रहा जिसके कारण पेड़ों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है और हरे भरे पेड़ कमज़ोर पड़ रहे हैं. पेड़ों को बचाने के लिए सेव माय ट्री नामक फाउंडेशन ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का रूख किया है. उन्होंने पेड़ों के 2 मीटर रेडियस में लगे पेवर ब्लॉक और कंक्रीट हटाने की मांग हाईकोर्ट से की है. हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार, नगर निगम मोहाली, पुडा और गमाडा को 4 मई के लिए नोटिस जारी कर जबाब तलब किया है. 


(File Photo - हजारों पेड़ नगर निगम की लापरवाही के कारण दम तोड़ने लगे हैं)



     फाउंडेशन की तरफ से हाईकोर्ट में पेश हुए वकील एच सी अरोड़ा ने बताया कि मोहाली में फुटपाथ, घरों के आगे, ग्रीन बेल्ट, मार्केट एरिया और पार्किंग एरिया में नगर निगम व गमाडा की ओर से ब्यूटीफिकेशन के नाम पर पेवर ब्लॉक लगा दिए और कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है. इन एरिया में लगे पेड़ों के आसपास भी जगह नहीं छोड़ी, उसे भी पेवर ब्लॉक और कंक्रीट से कवर कर दिया है. जिसकी वजह से पेड़ों को हवा, पानी नहीं मिल रहा. यही कारण है कि हरे-भरे और सालों पुराने पेड़ सूख रहे और कई पेड़ मरने की कगार पर हैं. वकील एच सी अरोड़ा ने बताया कि हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार, नगर निगम मोहाली, पुडा और गमाडा से जबाब तलब किया है. 


   एच एस मिन्हास ने कहा कि मोहाली में 10,000 से ज्यादा ऐसे पेड़ हैं जो पेवर ब्लॉक और कंक्रीट के कारण या तो मुरझा गए हैं या उनकी ग्रोथ रुक गई हैं और कई पेड़ तो पूरी तरह सूख गए हैं तो कई मरने की कगार पर हैं. उन्होंने कहा कि जो पेड़ हमें आक्सीजन देते हैं हम उन्हीं का दम तोड़ रहे हैं. Uन्होंने कहा कि नगर निगम, गमाड़ा और पुडा सडकें, फुटपाथ बनाने और पेवर ब्लॉक लगाने के लिए कॉन्ट्रैक्ट दे देते हैं लेकिन पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए जो कदम उठाने चाहिए वो नहीं उठाते.


   वहीं मोहाली निवासी अमरजीत सिंह ने बताया कि अगर हम अभी भी पेड़ों के आस पास लगे पेवरब्लॉक और क्रंकीट हटाने के लेकर कदम नहीं उठाएंगे तो पेड़ मर जाएंगे और हम अपने बच्चों को कैसा पर्यावरण दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में भी पेड़ों को पेवर ब्लॉक और कंक्रीट से कवर कर दिया गया था लेकिन वक्त रहते ही उन्होनें पहल की और पेड़ो के चारों तरफ चार से छ: फुट की जगह कच्ची की गई ताकि पेड़ों को हवा, पानी और खाद मिल सके. खैर मोहाली नगर निगम द्वारा पहले तो कोई कदम नहीं उठाया गया लेकिन अब ये मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है.