मुर्गों की लड़ाई रोकना पुलिस को पड़ा महंगा - 2 जवानों का फूटा सिर, 250 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

     हरियाणा की पुन्हाना विधानसभा के लहरवाड़ी गांव में मुर्गों को लड़ाने का खेल जंग का मैदान बन गया. खाकी की दखल से मुर्गों की लड़ाई तो रुक गई, लेकिन खाकी और दर्शकों के बीच खूब घमासान हुआ. पुलिस किसी आरोपी को तो नहीं पकड़ सकी है, लेकिन दो बाइक और दो लग्जरी कार बरामद कर ली गई हैं. 



     हालांकि इस संघर्ष में दो जवानों का सिर फूट गया. पुन्हाना थाना क्षेत्र में दो दिन में दो अलग-अलग घटनाओं में खाकी की पिटाई हुई है. जिससे पुलिस के जवानों में नाराजगी देखने को मिल रही है. मुर्गों को लड़ाकर जुआ-सट्टा का खेल रोकना पुलिस को रविवार को भारी पड़ गया. जुआरियों ने न केवल पुलिस पर पथराव किया, बल्कि एक पुलिस कर्मी की वर्दी तक फाड़ डाली. पुलिस की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की गई. घटना के दौरान दो पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल भी हो गए. घटना के बाद पुन्हाना पुलिस ने घायल पुलिसकर्मियों का मेडिकल कराकर दो दर्जन नामजद आरोपियों के साथ लगभग 250 अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है. 


   पुन्हाना थाना प्रभारी रामदयाल ने बताया कि फिलहाल मामले में आरोपी भूरा, रत्ती, रफीक, अरशद, रहीम, इरफान, हाकम, इमरान, इन्नूस, नासिर, हकीकत, बूचा, सलीम, मुस्ताक सहित लगभग 250 लोगों के खिलाफ भादस की धारा 148, 149, 324, 333, 353, 307, 506, 186, 13-3-67 गेम्बलिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.


   ये खेल कुछ इस तरह का है कि मुर्गा जितना लड़ाकू-ताकतवर और फुर्तीला होता है, उसकी जंग पर उतना ही बड़ा इनाम रखा जाता है. मुर्गों को पहलवानों की तरह उनके मालिक ट्रेंड ही नहीं करते बल्कि महंगी से महंगी वस्तु खिलाते हैं. उसी ताकतवर वस्तु को खाने के बाद मुर्गे लड़ाई में एक-दूसरे के खून के प्यासे हो जाते हैं. जब तक कोई मुर्गा हार नहीं मान लेता या जान बचाने के लिए मैदान नहीं छोड़ता तब तक उस बेजुबान को लोगों का मनोरंजन और मालिक की जेब गरम करने के लिए लड़ना पड़ता है. कई बार तो मुर्गों की लड़ाई में उनकी आंख तक फूट जाती हैं, लेकिन इंसान को उतना ही मजा आता है, जितना मुर्गा लड़ने वाला या ताकतवर होता है.