पाकिस्तान जाने वाली नदियों का पानी रोकेगा भारत, आखिरी दौर में पहुंचा काम

     केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत से पाकिस्तान जाने वाले नदियों के पानी को पाकिस्तान में जाने से रोकने की योजना का काम अब अंतिम दौर पर पहुंच चुका हैं. जम्मू कश्मीर से भी इस पर सहमति मिल चुकी है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में नया इतिहास बनाएंगे और हम पाकिस्तान जाने वाले हमारे पानी को रोकने में कामयाब होंगे.



  • केंद्रीय जल शक्ति मंत्री बोले- हम जल्द ही रचेंगे नया इतिहास

  • शेखावत बोले- कई फिजिकल टेक्निकल स्टडी की रिपोर्ट आईं

  • जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पानी रोकने की योजना को दी मंजूरी


     भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए तैयारी तेज कर दी है. भारत की नदियों का पानी पाकिस्तान को मिलना जल्द ही बंद हो जाएगा.  केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत से पाकिस्तान जाने वाले नदियों के पानी को पाकिस्तान में जाने से रोकने की योजना का काम अब अंतिम दौर पर पहुंच चुका हैं.


   उन्होंने बताया कि इस संबंध में कई फिजिकल टेक्निकल स्टडी रिपोर्ट आ चुकी हैं और कई रिपार्ट आने वाले दिनों में आने वाली है. वहीं जम्मू कश्मीर प्रशासन से भी इस मामले में सहमति मिल चुकी है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हम आने वाले दिनों में नया इतिहास रचेंगे और पाकिस्तान जाने वाले भारत के हिस्से के पानी को रोकने में कामयाब होंगे. उन्होंने नमामी गंगा प्रोजेक्ट के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि आज गंगा दुनिया की सबसे टॉप 10 साफ नदियों में शामिल हो चुकी हैं. यह हमारे लिए काफी गर्व की बात है.


   मोदी सरकार सिंधु जल समझौते के तहत आने वाली रावी, ब्यास और सतलुज नदियों के पानी को डायवर्ट कर यमुना में लाने की प्लानिंग में है. भारत के इस कदम से पाकिस्तान की दिक्कत बढ़ सकती है. इससे पहले जब भारत ने पाकिस्तान जाने वाली नदियों के पानी को रोकने का मुद्दा उठाया था, तो पाकिस्तान तिलमिला उठा था. पाकिस्तान ने इस पर विरोध जताया था. भारत उस समय पाकिस्तान जाने वाली नदियों के पानी को रोकने की योजना को अमलीजामा पहनाने की कोशिश में जुटा है, जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 बहाए जाने को लेकर पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव गहराया हुआ है. इसको लेकर पाकिस्तान लगातार सीमा पर फायरिंग कर रहा है. हालांकि उसको भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है. पाकिस्तान ने कश्मीर मामले को संयुक्त राष्ट्र में भी उठाने की कोशिश की, लेकिन वहां भी उसको विफलता का मुंह देखना पड़ा.