दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप केस के सभी दोषियों को डेथ वारंट (Death warrant) जारी किया है. डेथ वारंट के मुताबिक सभी दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जानी है.
(File Photo - निर्भया गैंगरेप केस के सभी दोषियों को डेथ वारंट)
निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी की सज़ा (Death Sentence) दी जाएगी. फांसी से पहले दोषियों के परिवारवाले इनसे मिलने के लिए तिहाड़ जेल पहुंच रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को जेल प्रशासन ने दोषी मुकेश सिंह को परिवारवालों को मिलने की इजाजत दी. जेल अधिकारियों के मुताबिक, मां से मिलते ही वह भावूक हो गया और फूट-फूटकर रोने लगा.
फूट-फूटकर रोया - कहा जा रहा है कि मुलाकात के दौरान वो कई बार रोया, लेकिन इस दौरान परिवारवालों ने उसे ये समझाया कि सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पेटिशन डाला गया है और ऐसे में जल्द सब ठीक हो जाएगा. साथ ही उन्होंने दया याचिका के बारे में भी बताया. जेल अधिकारियों के मुताबिक ये फिलहाल आखिरी मुलाकात जैसा नहीं था. नियमों के मुताबिक उन्हें हफ्ते में दो बार परिवार से मिलने की इजाजत दी गई है.
बदल गया व्यवहार - जैसे-जैसे फांसी की तारीख नज़दीक आ रही है दोषियों का डर बढ़ता जा रहा है. कहा जा रहा है कि निर्भया के चारों दोषियों ने फिलहाल जेल में किसी से भी बातचीत करना बंद कर दिया है. पिछले हफ्ते जेल कर्मी से किसी बात पर बहस के दौरान हाथापाई की नौबत भी आ गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका - निर्भया केस में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट से डेथ वारंट जारी होने के बाद दो दोषियों की ओर से क्यूरेटिव याचिका दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट में इस पर 14 जनवरी को सुनवाई होगी. इसी दिन पता चल जाएगा कि निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी या फिर अभी दोषियों को कुछ दिन की और मोहलत मिलेगी. याचिका में फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की गई है. विनय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सहित सभी अदालतों ने मीडिया और नेताओं के दबाव में आकर उन्हें दोषी ठहराया है. गरीब होने के कारण उसे मौत की सजा सुनाई गई है.