प्याज की सरकारी कीमत 22 रुपए/किलो - आम लोगों को मिल रही है 70 रुपये में

     केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्याज की उपलब्धता और कीमतों की जानकारी देते हुए कहा कि, सरकार लोगों को महंगाई से राहत देने अब मात्र 22 रुपए प्रति किलो की दर से प्याज दी जा रही है.



     केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्याज की उपलब्धता और कीमतों की जानकारी देते हुए कहा कि, सरकार लोगों को महंगाई से राहत देने अब मात्र 22 रुपए प्रति किलो की दर से प्याज दी जा रही है. वहीं, रिटेल में अभी भी कीमतें 70 रुपये प्रति किलोग्राम के ऊपर बनी हुई है.  केंद्र सरकार की ओर से नेफेड और राज्य सरकारों की ओर से विशेष स्टॉल लगाकर प्याज बेची जा रही है. इसके बावजूद लोगों को महंगी प्याज से राहत नहीं मिल रही है.

   सरकार की ओर से 22 रुपए प्रति किलो प्याज उपलब्ध कराने के बाद भी खुदरा बाजार में इसकी कीमतें कम होने के नाम नहीं ले रही हैं. दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई बड़े शहरों में प्याज 70 रुपए प्रति किलो तक मिल रही है. इसके अलावा कई राज्यों में केंद्रीय कोटे से मिल रही प्याज समय पर नहीं मिल पा रही है जिसकी वजह से कीमतों में तेजी बनी हुई है. सरकार अब तक 18 हजार टन प्याज का आयात कर चुकी है लेकिन सभी प्रयासों के बाद भी अब तक मात्र 2000 टन प्याज की बिक्री हो पाई है. साथ ही, कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार हरसंभव कोशिख कर रही है. इसके लिए सरकार ने विदेशों से बड़ी मात्रा में प्याज का ऑर्डर दिया है. इसमें से 18 हजार टन अब तक भारत आ चुका है.


   रामविलास पासवान ने बताया कि अब तक देश में 12,000 टन आयातित प्याज आ चुका है. असम, महाराष्ट्र, हरियाणा और ओडिशा ने शुरुआत में क्रमश: 10,000 टन, 3,480 टन, 3,000 टन और 100 टन प्याज की मांग की थी, लेकिन संशोधित मांग में इन राज्यों ने आयातित प्याज खरीदने से मना कर दिया है.

 

नाफेड तैयार करेगा बफर स्टॉक - साल 2020 के लिए प्याज का बफर स्टॉक बढ़ाकर 1 लाख टन तक का किया जाएगा. सरकार की तरफ से नाफेड (Nafed) प्याज का बफर स्टॉक तैयार करता है. नाफेड पिछले मार्च से लेकर जुलाई के बीच रबी सीजन में पैदा होने वाले प्याज को सीधे किसानों से खरीदेगा. प्याज के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश और प्याज की फसलों में देरी की वजह से बाजार में आवक कम रही है. यही कारण रहा कि प्याज की कीमतों में लगातार भारी तेजी देखने को मिली. इन राज्यों में कर्नाटक और महाराष्ट्र हैं, जहां प्याज की सबसे अधिक पैदावार होती है.