RBI का एनपीआर को लेकर बड़ा फैसला - अब बैंकों में इन कामों के लिए हो सकेगा इसका इस्तेमाल

     आरबीआई ने एनपीआर को ऑफिश्यिली वैलिड डॉक्युमेंट्स के तौर पर रजिस्टर्ड किया है. अगर आसान शब्दों में समझें तो एनपीआर लेटर अब आरबीआई के ऑफिश्यिली वैलिड डॉक्युमेंट्स (OVDs-Officially Valid Documents) बन गया है. 



      केंद्र सरकार के बाद अब RBI (Reserve Bank of India) ने एनपीआर यानी नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को लेकर बड़ा फैसला किया है. आरबीआई ने इसे बैंक में केवाईसी (नो योर कस्टमर) के ऑफिश्यिली वैलिड डॉक्युमेंट के तौर पर रजिस्टर्ड किया है. अगर आसान शब्दों में समझें तो एनपीआर लेटर अब आरबीआई के ऑफिश्यिली वैलिड डॉक्युमेंट्स (OVDs-Officially Valid Documents) बन गया है. आने वाले दिनों में बैंक भी इसे खाता खोलने के जरूरी डॉक्युमेंट में शामिल कर सकते हैं.


मनी कंट्रोल के अनुसार ऑफिश्यिली वैलिड डॉक्युमेंट्स (OVDs-Officially Valid Documents) में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार नंबर, वोटर आइडी, नरेगा की ओर से जारी जॉब कार्ड और अब राज्य सरकार द्वारा जारी एनपीआर लेटर (जिस पर नाम-पता लिखा हो) को शामिल कर लिया गया है. नरेंद्र मोदी सरकार ने बीते साल यानी साल 2019 में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को मंजूरी दी. जिसके तहत भारतीय नागरिकों के बायोमेट्रिक और वंशावली को दर्ज किया जाएगा. नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के अंतर्गत 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक असम के लिए अलावा देशभर में घर- घर जाकर ये जनगणना की जाएगी.


क्‍या होता है केवाईसी / KYC - KYC  यानी (Know Your Customer) को आसान भाषा में समझें तो यह कस्टमर के बारे में पूरी जानकारी की प्रक्रिया होती है. केवाईसी कराना सभी के लिए जरूरी है. एक तरह से बैंक और ग्राहक के बीच KYC रिश्ते को मजबूत करता है. केवाईसी निवेश मुमकिन नहीं है, इसके बगैर बैंक खाता भी खोलना आसान नहीं है. केवाईसी के जरिए यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई बैंकिंग सेवाओं का दुरुपयोग तो नहीं कर रहा है. केवाईसी फॉर्म ऑनलाइन भी भरे जाते हैं लेकिन डॉक्यूमेंट्स और फोटो वैरीफिकेशन के लिए एक बार बैंक जाना जरूरी होता है.

क्या है एनपीआर (What is NPR) - राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) देश के सामान्य निवासियों का एक रजिस्टर है. यह नागरिकता अधिनियम 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र) नियम 2003 के प्रावधानों के तहत स्थानीय (ग्राम / उप-टाउन), उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है.भारत के प्रत्येक सामान्य निवासी के लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य है. कोई भी निवासी जो 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में निवास कर रहा है तो उसे NPR में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होता है.

एनपीआर का उद्देश्य देश में हर सामान्य निवासी का एक व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है. डेटाबेस में जनसांख्यिकीय के साथ-साथ बॉयोमीट्रिक विवरण शामिल होते हैं.

 नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर में इन बातों की जानकारी देनी होगी --
-व्यक्ति का नाम
-घर के मुखिया से रिश्ता
-पिता का नाम
-माता का नाम
-पति का नाम (यदि विवाहित है)
-लिंग
-जन्म की तारीख
-वैवाहिक स्थिति
-जन्म स्थान
-राष्ट्रीयता (घोषित के रूप में)
-सामान्य निवास का वर्तमान पता
-वर्तमान पते पर रहने की अवधि
-स्थायी निवास पता
-व्यवसाय / गतिविधि
-शैक्षणिक योग्यता