संसद की कैंटीन में जल्‍द ही मिलना बंद हो जाएगी बिरयानी-मछली और नॉनवेज चिप्‍स

संसद की कैंटीन में जल्‍द ही नॉनवेज फूड (Non-Veg Food) मिलना बंद हो सकता है 


मिलेगा सिर्फ वेज फूड -  संसद की कैं‍टीन के लिए हल्‍दीराम (Haldiram) और बीकानेरवाला (Bikanerwala) में से किसी एक प्राइवेट वेंडर को चुने जाने की उम्‍मीद है. दोनों ही ब्रांड नॉनवेज फूड (Non-Veg Food) सर्व नहीं करते हैं. ऐसे में तय माना जा रहा है कि अब सांसदों (MPs) को संसद (Parliament) की कैंटीन में सिर्फ वेज फूड (Veg Food) ही मिलेगा.


.  ऐसे में तय माना जा रहा है कि जल्‍द ही सांसदों (Parliamentarians) को संसद की कैंटीन में हर तरह के फूड के बजाय सिर्फ शाकाहारी भोजन (Veg Food) ही उपलब्‍ध होगा. अब तक संसद की कैंटीन में खाना परोसने की जिम्‍मेदारी भारतीय रेलवे की आईआरसीटीसी (IRCTC) के पास थी.

सरकारी कंपनी आईटीडीसी भी ठेका हासिल करने की दौड़ में - हल्‍दीराम और बीकानेरवाला के अलावा सरकारी कंपनी आईटीडीसी (ITDC) भी संसद की कैंटीन (Canteen) का ठेका हासिल करने की दौड़ में शामिल है. फूड कमेटी (Food Committee) नहीं होने के कारण लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला (Om Birla) को तय करना है कि तीनों में से कौन आईआरसीटीसी की जगह लेगा. सूत्रों के अनुसार, ओम बिरला हल्‍दीराम या बीकानेरवाला में से किसी एक को कैंटीन का जिम्‍मा देना चाहते हैं.

सांसद कर रहे थे आईआरसीटीसी के खाने की शिकायत - संसद की कैंटीन में बिरयानी (Bityani), चिकन कटलेट (Chicken Cutlets), मछली (Fish) और नॉनवेज चिप्‍स (Chips) को सबसे ज्‍यादा पसंद किया जाता है. ऐसे में पूरी तरह से शाकाहारी मैन्‍यू (Veg Menu) पर विवाद हो सकता है. सांसद कुछ महीनों से आईआरसीटीसी के खाने की शिकायतें कर रहे थे. साथ ही सांसद छूट को लेकर भी नाराज थे. इसके बाद नए कैटरर की मांग की गई. उम्‍मीद की जा रही है कि बजट सत्र के दौरान परामर्श समिति की बैठक में आईआरसीटीसी को हटाने के लिए नए कैटरर पर फैसला लिया जा सकता है.

कैंटीन में मिलने वाली खाने की चीजों के दाम में होगा संशोधन - समिति कैंटीन में मिलने वाली चीजों के कम दामों में संशोधन करने को लेकर भी फैसला ले सकता है. संसद की कैंटीन में मिलने वाले खाने की चीजों के कम दामों की अक्सर आलोचना होती है. शीतकालीन सत्र के दौरान जब लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला ने परामर्श समिति की बैठक के दौरान कैंटीन में मिलने वाली छूट छोड़ने का प्रस्‍ताव पेश किया तो सभी सांसदों ने सहमति जता दी थी. बता दें कि पिछली बार 2016 में संसद की कैंटीन में मिलने वाली चीजों की कीमतों में संशोधन किया गया था.