एशिया की सबसे बड़ी और सुरक्षित माने जाने वाली तिहाड़ परिसर में 10 जेल हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
निर्भया के कातिल चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी. दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने मंगलवार को 'डेथ वारंट' जारी कर दिया है. तिहाड़ जेल के इतिहास में पहली बार एक साथ चार मुजरिमों को फांसी पर टांगा जा रहा है. चारों दोषियों पवन गुप्ता, मुकेश सिंह, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को जेल नंबर-3 में फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा. कैदियों के लिए तिहाड़ जेल की यह बैरक इतनी डरावनी है कि वे इसके नजदीक जाने से भी थर-थर कांपने लगते हैं. इस डरावने रहस्य के पीछे फांसीघर नहीं बल्कि फांसी के तख्त पर लटकाए जा चुके भूत-प्रेतों का साया है.
एशिया की सबसे बड़ी और सुरक्षित माने जाने वाली तिहाड़ परिसर में 10 जेल हैं. सबसे खूंखार समझे जाने वाले कैदियों को जेल नंबर-3 में रखा जाता है और यहीं फांसीघर बना हुआ है. यह बैरक बहुत ही डरावना और खतरनाक माना जाता है. यहां कोई भी कैदी रहना ही नहीं चाहता है. निर्भया के चारों गुनहगार इसी जेल में बंद हैं. अभी तीन दोषियों को जेल नंबर-2 और एक को जेल नंबर-4 में रखा गया है.
मंडराता है अफजल गुरू का साया - मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस जेल में कैद बंदियों को लगता है कि यहां अफजल गुरू का साया आसपास मंडराता है. बता दें कि भारतीय संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ के इसी बैरक में फांसी दी गई थी और जेल में ही उसका शव दफना दिया गया था.
पूजा-पाठ करते हैं कैदी - जेल सूत्रों की मानें तो कथित रूप से जेल नंबर-3 में भटकने वाली आत्माओं और भूत-प्रेतों से बचने के लिए कैदी हनुमान चालीसा का जाप करते हैं और पूजा-पाठ भी करने लगते हैं. कैदियों ने कई बार मौखिक शिकायत भी दर्ज कराई है कि उन्होंने बैरक नंबर-3 में भूतों को मंडराते देखा है.
डरावनी आवाजें सुनाई देती हैं - बैरक नंबर तीन में रात के वक्त कैदियों को कथित रूप से मृत आत्माओं के चीखने-चिल्लाने की आवाजें आती हैं. यही नहीं, कहा तो यहां तक जाता है कि एक बार भूतों ने कैदी को बुरी तरह मारा भी था. हालांकि, अंधविश्वास के चलते जेल प्रशासन इन बातों पर विश्वास नहीं करता और ऐसी खबरों को बाहर नहीं आने देता है.