पीएम मोदी से प्रभाव‍ित वीरप्‍पन की बेटी विद्यारानी की पूरी कहानी

     विद्या रानी बचपन से एक आईएएस ऑफिसर बनना चाहती थीं। 2004 में पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद हाल ही में विद्या ने बीजेपी जॉइन कर ली है। विद्या का कहना है कि वह पीएम मोदी के काम से प्रभावित होकर बीजेपी में शामिल हुई हैं, और आगे समाज के लिए काम करना चाहती हैं।



  • बीजेपी में शामिल होने के बाद बोलीं वीरप्पन की बेटी विद्यारानी- सिर्फ पिता से जोड़कर न देखें

  • पीएम मोदी के काम से प्रभावित होकर बीजेपी से जुड़ी, समाज के लिए करना चाहती हूं काम: विद्यारानी

  • पिता के रास्ते गलत थे लेकिन उन्होंने हमेशा गरीबों के बारे में ही सोचा। मैं अब सही रास्ते पर चल रही हूं: विद्या

  • (Photo - वीरप्‍पन की बेटी विद्यारानी )



     कुख्यात चंदन एवं हाथीदांत तस्कर वीरप्पन के 2004 में पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के 16 साल बाद उसकी बेटी विद्यारानी ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली। विद्या के बीजेपी में शामिल होने के साथ ही सोशल मीडिया पर लोगों ने बीजेपी को निशाने पर लेना शुरू कर दिया। हालांकि विद्या का कहना है कि उन्हें उनके पिता से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह समाज के लिए काम करना चाहती हैं और पीएम मोदी से प्रभावित होकर वह बीजेपी में शामिल हुई हैं।विद्या एक एजुकेशनल इंस्टिट्यूट चलाती हैं। साथ ही वह चाहती हैं कि वह समाज के लिए कुछ और बेहतर कर सकें। पिता वीरप्पन को लेकर उनका कहना है कि वह सिर्फ 14 साल की थीं, जब पिता का एनकाउंटर हुआ। उन्हें लंबे समय तक यह भी नहीं बताया गया कि असल में उनके पिता हैं कौन, वह अपने नाना को ही अपना पिता समझती थीं। विद्या के मुताबिक, 7-8 साल की उम्र में वह अपने पिता से सिर्फ एक बार मिली थीं।

रास्ता गलत, पर पापा की सोच सही थी: विद्या रानी -
विद्या का कहना है कि उनके पिता वीरप्पन का रास्ता भले ही गलत रहा हो लेकिन उनका उद्देश्य कभी गलत नहीं रहा। विद्या ने कहा, 'मेरे पिता के रास्ते जरूर गलत थे लेकिन उन्होंने हमेशा गरीबों के बारे में ही सोचा। मैं अब सही रास्ते पर चलकर सही काम करने की कोशिश कर रही हूं।' वीरप्पन को लेकर विद्या ने कहा कि भले ही उनके पिता की सोच कुछ भी रही हो लेकिन उनके किए को किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता।

हाई कोर्ट पहुंचा था शादी का विवाद -
इससे पहले विद्या चर्चा में तब आई थीं, जब 2011 में 21 साल की उम्र में एक ईसाई लड़के से उनकी शादी हुई थी। लड़के का आरोप था कि विद्या की मां दोनों की शादी का विरोध सिर्फ कर रही हैं, क्योंकि वह दूसरे धर्म से है। उसने यह भी आरोप लगाया था कि वीरप्पन की पत्नी मुत्तुलक्ष्मी ने उसकी पत्नी विद्यारानी को 'कैद' कर रखा है। यह मामला चेन्नै हाई कोर्ट तक पहुंच गया था।

आईएएस बनना चाहती थीं विद्या -
बचपन से ही आईएएस ऑफिसर बनने का सपना देखने वाली विद्या की छोटी बहन वकील हैं। विद्या का कहना है कि वह अपने गांव और आसपास के इलाके में साफ पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के सुधार के लिए काम करना चाहती हैं। वहीं वीरप्पन की मौत के बाद उनकी पत्नी मुत्तुलक्ष्मी सलेम में सामाजिक कल्याण से कामों से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने 2006 में तमिलनाडु का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गई थीं। 2018 में उन्होंने गांव के लोगों का एक संगठन बनाने की भी घोषणा की थी।