जिला रियासी के माहौर इलाके में सेना के एक हेलिकाॅप्टर में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण इसे इमरजेंसी लैंड करना पड़ा। इस हेलिकॉपर के दोनों पायलट सुरक्षित हैं। सैन्य सूत्रों के अनुसार, ऊधमपुर से ट्रेनिंग उड़ान भर रहा सेना के चीता हेलिकॉप्टर में सुबह साढ़े ग्यारह बजे के करीब तकनीकी खराबी आ गई। पायलट ने इसे तुरंत माहौर के रूड नाला इलाके में इमरजेंसी लैंड करने की कोशिश की। इस दौरान हेलीकाॅप्टर नाले में इमरजेंसी लैंडिंग के कारण क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, दोनों पायलट इस हादसे में सुरक्षित बच गए हैं।
दुर्घटना होने के बाद सेना की स्थानीय यूनिट के साथ क्षेत्र के निवासी भी दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने पायलटों को सुरक्षित निकालकर अस्पताल पहुंचाने में सहयोग दिया। वहीं इस हादसे के कारणों को जानने के लिए सेना ने इस मामले में कोर्ट ऑफ इनक्वायरी के आदेश दिए हैं। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों पायलट सुरक्षित हैं।
जम्मू-कश्मीर में सेना अपने चीता हेलिकाॅप्टरों के जरिए संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा सुनिश्चित करने का कार्य करती है। गत दिनों नगरोटा के बन टोल प्लाजा में आतंकवादी हमले के बाद सेना ने हेलिकाॅप्टरों का इस्तेमाल कर इस पूरे इलाके को खंगालने में सहयोग दिया था।
इससे पहले गत वर्ष 24 अक्टूबर को सेना का एडवांस लाइट हेलिकाॅप्टर सीमावर्ती पुंछ जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में सेना की उत्तरी कमान के पूर्व आर्मी कमांडर सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह समेत नौ सैन्यकर्मी घायल हो गए थे। ठीक इन्हीं हालात में तकनीकी खराबी आने के बाद सेना के पायलट ने हेलिकॉप्टर को पुंछ के निकट एक नाले में लैंड करने की कोशिश की थी। इस दौरान सेना का हेलिकॉप्टर नाले में गिरकर क्षतिग्रस्त हो गया था। अलबत्ता स्थानीय लोगों ने मदद में आकर सभी सैन्य अधिकारियों, कर्मियों को सुरक्षित निकालने में पूरा सहयोग दिया था।