अंतरिक्ष में सेटेलाइट को महज तीन मिनट में नेस्तनाबूत कर करने वाली देश की पहली एंटी सेटेलाइट मिसाइल ‘शक्ति’ डिफेंस एक्सपो की रौनक बढ़ाने के लिए राजधानी पहुंच गई है। वहीं पनडुब्बियों के लिए खतरनाक नौसेना के एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर की फिटिंग भी कर दी गई है। ब्रह्मोस व आकाश मिसाइलें भी दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनेंगी।
(Photo - एंटी सेटेलाइट मिसाइल )
पांच फरवरी से वृंदावन सेक्टर-15 में शुरू हो रहे डिफेंस एक्सपो की तैयारियों के मद्देनजर सेना की ओर से एक ओर जहां लाइव डिमॉन्स्ट्रेशन का अभ्यास रोज किया जा रहा है। वहीं सेना की ओर से अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों का स्टेटिक डिस्प्ले भी किया जाएगा, जिसके लिए टैंक से लेकर मिसाइलों तक को लाकर फिट किया जा रहा है।
यहां दर्शक इन उपकरणों व हथियारों से संबंधित जानकारियां हासिल कर सकेंगे। इसी क्रम में शुक्रवार को डिस्प्ले के लिए डिफेंस रिसर्च एंड डवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) की ओर से ब्रह्मोस मिसाइल, एंटी सेटेलाइट मिसाइल ‘शक्ति’ व नौसेना केजंगी जहाजों पर लगाए जाने वाले एंटी सबमरीन वॉरफेयर (एएसडब्ल्यू) सिस्टम को फिट किया गया। ब्रह्मोस व शक्ति को देखने के लिए दर्शक भी उमड़ पड़े। हालांकि, सेना के जवानों ने दर्शकों को नियंत्रित किया और उन्हें आराम से सेल्फी लेने को कहा। वहीं शुक्रवार को सेना की ओर से लाइव डिमॉन्स्ट्रेशन एरिया में युद्धाभ्यास भी किया गया। इसमें रणक्षेत्र के लिए पहले जो माहौल बनाया गया था, उसमें तब्दीलियां भी की गईं।
यह है ‘शक्ति’ - पिछले साल मार्च में डीआरडीओ की ओर से विकसित एंटी सेटेलाइट मिसाइल को ऑपरेशन शक्ति में इस्तेमाल किया गया। यह ऑपरेशन व्हीलर द्वीप के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आईलैंड लॉन्च कॉम्पलेक्स से अंजाम दिया गया। इसके अंतर्गत जमीन से 300 किमी. ऊपर एक सेटेलाइट को निशाना बनाया गया और महज तीन मिनट में मिशन पूरा हो गया। इस मिसाइल के चलते भारत अंतरिक्ष में सेटेलाइट को निशाना बनाने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया।
काल का पर्याय है ब्रह्मोस - ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसे पनडुब्बी, पानी के जहाज, विमान या जमीन से लॉन्च किया जा सकता है। डीआरडीओ व रूस ने संयुक्त रूप से इसे विकसित किया है। यह रडार की आंख से बच जाती है। मूविंग टारगेट को भी लक्ष्य बना लेती है। ब्रह्मोस अमरीका की टॉम हॉक से दोगुनी तेजी से वार करती है। इसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर है और अपने साथ 300 किलोग्राम तक विस्फोटक सामग्री ले जा सकती है। इसकी रफ्तार भी ध्वनि की गति से करीब तीन गुना होती है।
पनडुब्बियां का दुश्मन एंटी सबमरीन - नौसेना के जंगी जहाजों पर लगाए जाने वाले एंटी सबमरीन वॉरफेयर (सिस्टम) को भी एक्सपो में लाया गया है। करीब दस मीटर ऊंचा यह वॉरफेयर सिस्टम कोलकाता क्लास है। जिसमें टारपीडो लॉन्च की जा सकती है। इसकी मारक क्षमता पानी केछह किलोमीटर नीचे तक होती है। इससे बैक टू बैक कई रॉकेट लॉन्च किए जा सकते हैं।