'बात बिहार की' पर घिरे प्रशांत किशोर - पटना कोर्ट से जमानत याचिका खारिज

     प्रशांत किशोर के खिलाफ पटना के पाटलिपुत्र थाने में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 406 (विश्वास तोड़ना) के तहत मामला दर्ज कराया गया है। एफआईआर में उनपर अपने अभियान ‘बात बिहार की’ के लिए कॉन्टेंट की चोरी करने का आरोप लगाया गया है।



  • बात बिहार की कैंपेन को लेकर प्रशांत किशोर की बढ़ी मुश्किल

  • पटना की कोर्ट ने कॉन्टेंट चोरी केस में जमानत अर्जी खारिज की

  • शाश्वत गौतम नाम के शख्स ने पाटलिपुत्र थाने में कराया था केस

  • शाश्वत ने बिहार की बात कॉन्टेंट की चोरी का आरोप लगाया है

  • (Photo - बात बिहार की लॉन्च करते प्रशांत किशोर)



     जनता दल (यूनाइटेड) से निष्कासित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पटना की एक अदालत ने कॉन्टेंट चोरी के मामले में प्रशांत किशोर की जमानत अर्जी शनिवार को खारिज कर दी। प्रशांत के खिलाफ इस सिलसिले में पहले ही केस दर्ज हो चुका है।



   अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) की 12 नंबर की अदालत में प्रशांत किशोर ने जमानत की अर्जी दी थी, जिसे अदालत ने सुनवाई के बाद शनिवार को खारिज कर दिया। बता दें कि शाश्वत गौतम नाम के शख्स ने प्रशांत किशोर पर कॉन्टेंट चोरी करने का आरोप लगाते हुए पटना के पाटलिपुत्र थाने में फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज करा था। इसके बाद प्रशांत किशोर जमानत के लिए अदालत की शरण में चले गए थे।


   प्रशांत किशोर के खिलाफ पटना के पाटलिपुत्र थाने में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 406 (विश्वास तोड़ना) के तहत मामला दर्ज कराया गया है। एफआईआर में उनपर अपने अभियान ‘बात बिहार की’ के लिए कॉन्टेंट की चोरी करने का आरोप लगाया गया है। आरोप लगाने वाले शाश्वत गौतम ने प्रशांत किशोर और एक अन्य युवक ओसामा पर के खिलाफ केस दर्ज कराया है। ओसामा पटना विश्वविद्यालय में छात्रसंघ का चुनाव लड़ चुका है।

   आरोपों के मुताबिक शाश्वत गौतम ने ‘बिहार की बात’ नाम से अपना एक प्रॉजेक्ट बनाया था, जिसे भविष्य में लॉन्च करने की बात चल रही थी। इसी बीच उनके यहां काम करने वाले ओसामा नाम के युवक ने इस्तीफा दे दिया और शाश्वत गौतम के प्रॉजेक्ट ‘बिहार की बात’ का सारा कॉन्टेंट प्रशांत किशोर के हवाले कर दिया। आरोप है कि प्रशांत ने इसका इस्तेमाल अपने बात बिहार की कैंपेन में किया।