यूपी टेलीलिंक्स लिमिटेड कंपनी में कंपनी की फाइनैंशल स्थिति को लेकर तीन डायरेक्टर्स के बीच मीटिंग चल रही थी। एक डायरेक्टर ने अपने लाइसेंसी हथियार से अन्य दो को गोली मारी और बाद में आत्महत्या कर ली।
ग्रेटर नोएडा में बादलपुर एरिया में टेलिफोन के केबल बनाने वाली कंपनी में गुरुवार दोपहर मीटिंग के दौरान चली गोलियों से दो डायेक्टरों की मौत हो गई, जबकि एक डायरेक्टर घायल हैं। ये तीनों पार्टनर थे और कंपनी की आर्थिक स्थिति को लेकर उनकी मीटिंग चल रही थी। घायल ने पुलिस को बताया है कि एक डायरेक्टर ने अपने लाइसेंसी हथियार से अन्य दो को गोली मारी और बाद में आत्महत्या कर ली। उधर पुलिस इस मामले में कई अन्य एंगल से भी जांच कर रही है। तीनों के परिवारों से भी अलग-अलग बात की जा रही है।
यूपी टेलीलिंक्स लिमिटेड कंपनी में ये घटना हुई। पुलिस के अनुसार कंपनी के को तीन पार्टनर दिल्ली के योजना विहार निवासी राकेश जैन, प्रदीप अग्रवाल और अशोक विहार निवासी नरेश गुप्ता मिलकर चला रहे थे। गुरुवार को तीनों दोपहर में कंपनी पहुंचे। उसके बाद बोर्ड रूम में तीनों मीटिंग करने लगे। घायल राकेश की ओर से पुलिस को दी गई जानकारी के अनुसार मीटिंग के दौरान फाइनैंशल स्थिति कोयूपी टेलीलिंक्स लिमिटेड कंपनी मेंलेकर विवाद बढ़ गया। इस दौरान प्रदीप ने पिस्टल से नरेश और राकेश को गोली मार दी। उसके बाद खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। प्रदीप व नरेश की मौके पर मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मीटिंग के दौरान बोर्ड रूम में केवल ये तीन पार्टनर ही थे। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे राकेश घायल अवस्था में चिल्लाते हुए रूम से बाहर निकले और कहा कि प्रदीप ने गोली मार दी है। उसके बाद पुलिस को बुलाया गया। जब पुलिस पहुंची तो प्रदीप और नरेश की मौत हो चुकी थी। प्रदीप के हाथ में पिस्टल थी। बादलपुर कोतवाली के इंचार्ज पटनीश कुमार ने कहा है कि पुलिस इस मामले में तीनों लोगों के परिवारों से भी बात कर रही है। कई एंगल को जांच की जा रही है। राकेश से भी पूछताछ की जा रही है।
गोलियों से खत्म हुई 10 साल की साझेदारी - यूपी टेलिलिंक्स लिमिटेड कंपनी में गुरुवार दोपहर को चली गोलियों ने दस साल की साझेदारी और दोस्ती एक झटके में खत्म कर दी। गोली लगने से दो डायरेक्टरों की मौत हो गई है और तीसरा घायल है। पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों मृतकों के बीच 17 करोड़ के ट्रांजैक्शन को लेकर विवाद था। इसी विवाद को लेकर साढ़े तीन घंटे से तीनों के बीच मीटिंग चल रही थी। पुलिस ने मृतक प्रदीप के हाथ से पिस्टल बरामद की है। पुलिस के सीनियर अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं। फरेसिंक टीम भी जांच के लिए मौके पर पहुंची है।
"फाइनैंशल मैटर को लेकर तीनों डायरेक्टर में विवाद हुआ। एक पार्टनर ने पिस्टल से गोली चलाई। दो को गोली मारने के बाद खुद को गोली मार ली। पिस्टल का लाइसेंस प्रदीप अग्रवाल के नाम से था। मृत अवस्था में पड़े प्रदीप के हाथ में ही पिस्टल मिली थी। तहरीर मिलने पर रिपोर्ट कर ली जाएगी। परिवार व अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है।"-पटनीश कुमार, एसओ कोतवाली बादलपुर