यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी वाटिका जयपुर में साइबर सुरक्षा जागरूकता सेमिनार आयोजित

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 “साइबर ठगी से कैसे बचा जा सकता है” 

      जयपुर। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, वाटिका, जयपुर परिसर में आज साइबर सुरक्षा जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्‍य “साइबर ठगी से कैसे बचा जा सकता है” विषय पर विशेष चर्चा करना रहा।

     सेमिनार के मुख्य प्रवक्ता हिमांशु यादव, सहायक आचार्य, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने साइबर ठगी एवं ऑनलाइन के सम्भावित खतरों तथा इससे बचने के उपायों पर विस्तृत भाषण दिया। उन्होंने बताया कि 1930 नम्बर पर डायल करके साइबर अपराध से सम्बन्धित कोई भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है, ताकि किसी के साथ हुई धोखाधड़ी का जल्द से जल्द समाधान किया जा सके।

     इस सेमिनार की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. रश्मि जैन ने की। उन्होंने कहा कि – “आज के समय में साइबर अपराध एक गंभीर चुनौती है, जो व्यक्तिगत जीवन से लेकर संस्थानों तक को प्रभावित कर रहा है। हमें अपनी छोटी-छोटी आदतों में सावधानी रखनी होगी जैसे पासवर्ड की गोपनीयता, अज्ञात लिंक्स पर क्लिक न करना, ओटीपी साझा न करना आदि। साइबर सुरक्षा केवल तकनीकी विषय नहीं बल्कि यह आत्म-अनुशासन और जागरूकता का भी विषय है।”

     सेमिनार का संचालन डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के अधिष्ठाता डॉ. एस.एस. यादव ने किया। सेमिनार के अंत में छात्रों द्वारा साइबर सुरक्षा एवं साइबर ठगी से बचाव के संबंध में प्रश्न पूछे गए।


     वाइस चेयरपर्सन डॉ. अंशु सुराणा ने अपने संदेश में कहा कि – “समकालीन परिदृष्य में प्रौद्योगिकी की उन्नति के साथ साइबर अपराध एक बढ़ती प्रवृत्ति है और समय की मांग है कि यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के अधिकारियों, कर्मचारियों और छात्रों के बीच डेटा लीक, चोरी या उनके हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर या इलेक्ट्रॉनिक डेटा को नुकसान से बचाने के लिए कम्प्यूटर सिस्टम और नेटवर्क की सुरक्षा के प्रति निरन्तर जागरूकता पैदा की जाए।”

     साथ ही उन्होंने मुख्य वक्ता एवं आयोजन समिति की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों और स्टाफ के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे और भविष्य में भी इस प्रकार की सार्थक पहल जारी रहनी चाहिए।सेमिनार में  समस्त अधिष्ठाता, शैक्षणिक कर्मचारी,  उपकुलसचिव नरेश अरोड़ा, खेल निदेशक यश यादव उपस्थित रहे।