राजनीतिक खेल में मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान का नंबर? कांग्रेस ने कहा- हमारे यहां सब ठीक है

     कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि उनके संगठन के भीतर किसी भी प्रकार के मतभेद नहीं हैं। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में किसी भी राजनीतिक अस्थिरता से इनकार करते हुए कहा है कि कमलनाथ यहां एक मास्टरस्ट्रोक खेलेंगे।



  • कांग्रेस पार्टी ने संगठन में किसी भी प्रकार के मतभेद की खबर से किया इनकार

  • मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान में पार्टी के आंतरिक कलह सामने आने के बाद नेताओं ने दिए बयान

  • राजस्थान में राज्यसभा की सीटों के प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस में है असंतोष

  • कांग्रेस नेताओं ने एमपी में मास्टरस्ट्रोक लगने और इंतजार करने की बात भी कही



     मध्य प्रदेश में जारी सियासी खींचतान के बीच कांग्रेस के नेता अन्य राज्यों में अपने संगठन के पेच कसने में जुट गए हैं। एमपी में राजनीतिक टूट के कगार पर खड़ी कांग्रेस ने दावा किया है कि अन्य राज्यों में उसकी सरकारों को कोई खतरा नहीं है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के नेता लगातार हर प्रदेश की स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं। दूसरी तरफ मध्य प्रदे कांग्रेस  के नेता अब भी यह दावा कर रहे हैं कि उनकी सरकार के पास बहुमत है और विधानसभा में शक्ति प्रदर्शन के दौरान सभी को कमलनाथ का राजनीतिक प्रबंधन देखने को मिलेगा।


   एमपी कांग्रेस के नेता पीसी शर्मा ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर बीजेपी के पास नंबर है तो आपको मध्य प्रदेश में एक अलग तस्वीर देखने को मिल सकती है। हालांकि मेरा ऐसा मानना है कि ऐसी परीस्थिति में आप सभी को कमलनाथ का एक मास्टरस्ट्रोक देखने को मिल सकता है।

राजस्थान के राज्यसभा चुनाव में भी असंतोष - मध्य प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच राजस्थान से राज्यसभा के दो संभावित प्रत्याशियों को लेकर भी कांग्रेस में रार सामने आ रही है। पार्टी को राज्य में कम से कम दो सीटों के लिए प्रत्याशी तय करने हैं और अंदरूनी सूत्रों के अनुसार एक संभावित नाम का कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खुलकर विरोध कर रहे हैं। राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है। मौजूदा विधायक संख्या के आधार पर कांग्रेस के खाते में दो सीटें जानी तय हैं और पार्टी को अपने प्रत्याशियों के नाम अगले दो दिन में तय करने होंगे क्योंकि नामांकन 13 मार्च तक होंगे। इसके लिए सियासी जोड़तोड़ शुरू हो गया है।

नेताओं का दावा- संगठन में कोई असंतोष नहीं - राजनीतिक जानकार मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान में भी बड़े उलटफेर की बात कह रहे हैं। वहीं राजस्थान कांग्रेस के नेताओं ने ऐसी किसी संभावना को सिरे से खारिज किया है। वहीं गुजरात में भी प्रमुख विपक्षी दल के रूप में मौजूद कांग्रेस ने कहा है कि उसके संगठन में किसी प्रकार के मतभेद नहीं है।

एमपी कांग्रेस के कई नेताओं का इस्तीफा - इन सब के बीच मध्य प्रदेश कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक कई नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। एमपी में कांग्रेस पार्टी के कई संगठन पदाधिकारियों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। वहीं इन नेताओं ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपेक्षा का आरोप भी लगाया है। इस्तीफा देने वाले में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव से लेकर जिलाध्यक्ष स्तर के पदाधिकारी शामिल हैं। वहीं इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि एमपी कांग्रेस के कई अन्य नेता भी भविष्य में अपनी पार्टी छोड़ सकते हैं।