कोरोना महामारी के कारण दो महीने के लॉकडाउन का असर आम लोगों की जिंदगी पर काफी व्यापक पड़ा है। इस दो माह में जमा पूंजी खत्म होने और रोजगार प्रभावित होने से लोग मजबूरी में गहने बेच रहे हैं। प्रयागराज, लखनऊ और बरेली में इस तरह का ट्रेंड देखने को मिला है। कानपुर, गोरखपुर तथा आसपास के इलाकों में ऐसी स्थिति नहीं है। यहां पुराने गहने बेचे तो नहीं जा रहे हैं पर नए गहने भी नहीं खरीदे जा रहे हैं। इसके अलावा, सोना बेचने की वजह बाहर से आए लोगों का नया कारोबार शुरू करना और सोने के बढ़े हुए भाव का लाभ लेना भी हो सकता है।
लॉकडाउन से रोजगार काफी प्रभावित हुआ है। बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां बंद होने से लोग एक झटके में बेरोजगार हो गए। शहर छोड़ लोगों को गांव लौटना पड़ा। जैसे-तैसे गांव तो पहुंच गए लेकिन अब खर्च चलाने के लिए लोग गहने बेच रहे हैं। लॉकडाउन के पहले, दूसरे चरण तक तो ठीक थे। तीसरा चरण आते-आते स्थिति बिगड़ गई। मुम्बई, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली आदि शहरों से लौटे लोगों की जमा पूंजी समाप्त होने लगी है। चौथे चरण में स्थिति बिल्कुल ही बिगड़ गई है। गांव लौटे ज्यादातर लोगों के पास काम नहीं है, उनके सामने सबसे बड़ी समस्या घर खर्च चलाने की है। जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो लोग यह सोचकर गहने बेच रहे हैं कि पैसे मिलने पर गहने तो बन जाएंगे, फिलहाल परिवार का पेट पालना जरूरी है। मुम्बई में आटो चलाने वाले सैदाबाद ब्लॉक के आसेपुर गांव निवासी अवनीश यादव को घर खर्च के लिए पत्नी के गहने बेचने पड़े।